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जब समंदर उफन रहे हों तो... वैश्विक तनाव-व्यापार में रुकावटें, मैरीटाइम लीडर्स कॉनक्लेव में क्या बोले पीएम मोदी?

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मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम में अपना संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया में चल रहे तनाव, व्यापार में रुकावटों और बदलती सप्लाई चेन के बीच भारत रणनीतिक स्वायत्तता, शांति और समावेशी विकास का प्रतीक बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री ताकत और बढ़ते वैश्विक साझेदारियों ने देश को अनिश्चित समय में एक 'भरोसेमंद और स्थिर शक्ति' के रूप में स्थापित किया है।

मुंबई में भारतीय समुद्री सप्ताह-2025 में 'मैरीटाइम लीडर्स कॉनक्लेव' को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'भारत का समुद्री क्षेत्र तीव्र गति और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश के बंदरगाह अब विकासशील देशों वाले सबसे कुशल बंदरगाहों में गिने जाते हैं। हमने एक सदी से भी अधिक पुराने औपनिवेशिक नौवहन अधिनियमों को 21वीं सदी के लिए अनुरूप आधुनिक और भविष्योन्मुखी कानूनों से बदल दिया है।'

भारत एक स्थिर प्रकाशस्तंभ...
वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा, जब दुनिया के समंदर उफन रहे हो , तो दुनिया एक स्थिर प्रकाशस्तंभ की तलाश करती है। भारत वह स्थिर प्रकाशस्तंभ बन सकता है।




पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में हुए बदलावों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बंदरगाहों और व्यापार के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा, "समुद्री क्षेत्र भारत के विकास को गति दे रहा है। पिछले एक दशक में, इसने व्यापार और बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए काफी बदलाव देखा है।"

शुरू किए गए अगली पीढ़ी के सुधार
मोदी ने यह भी बताया कि सरकार ने इस क्षेत्र को मजबूत करने और इसके कानूनी ढांचे को आधुनिक बनाने के लिए अगली पीढ़ी के सुधार शुरू किए हैं। उन्होंने कहा, "हमने 21वीं सदी के लिए उपयुक्त आधुनिक, भविष्यवादी कानूनों के साथ एक सदी से भी पुराने औपनिवेशिक शिपिंग कानूनों को बदल दिया है।'

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