वजन कम करना जितना मुश्किल है, उससे भी ज़्यादा मुश्किल है उस वजन को लंबे समय तक बनाए रखना। कई लोग मेहनत से वजन घटाते हैं लेकिन कुछ ही महीनों में वो फिर से बढ़ जाता है। पर अब साइंटिस्ट्स ने इसका बड़ा कारण खोज निकाला है – जिसे कहते हैं मेटाबोलिक मेमोरी।
इस रिसर्च (Ref) में चूहों और इंसानों दोनों पर स्टडी की गई। चूहों को पहले मोटा किया गया, फिर उन्हें हेल्दी डाइट पर लाया गया। वजन तो कम हुआ, लेकिन उनके शरीर की फैट सेल्स में सूजन और गड़बड़ी बनी रही। इंसानों में भी कुछ ऐसा ही दिखा – वजन घटने के दो साल बाद भी फैट सेल्स एक्टिव बनी रहीं।
इसका मतलब यह है कि हमारी बॉडी की फैट सेल्स को एक तरह से ‘मोटे’ रहने की आदत पड़ जाती है। इसलिए जब हम वजन कम करते हैं, तो भी शरीर धीरे-धीरे दोबारा उसी हालत में लौटने की कोशिश करता है। इस खोज से ये साफ हो गया है कि सिर्फ डाइट और एक्सरसाइज़ काफी नहीं है। हमें ऐसी लॉन्ग-टर्म स्ट्रैटेजी की ज़रूरत है जो इस ‘मेटाबोलिक मेमोरी’ को भी ध्यान में रखे। (Photo credit):Canva
मेटाबोलिक मेमोरी क्या है?
मेटाबोलिक मेमोरी क्यों वजन बढ़ाने का कारण बनती है?जब हम मोटे होते हैं, तो हमारी फैट सेल्स एक तरह की ‘याददाश्त’ बना लेती हैं। वजन घटने के बाद भी ये सेल्स अपनी पुरानी आदतें नहीं भूलतीं – जैसे सूजन या फैट स्टोर करना। इसीलिए, शरीर फिर से वजन बढ़ाने लगता है।
फैट सेल्स की भूमिका
बहुत लोग सोचते हैं कि फैट सेल्स बस शरीर में चर्बी जमा करती हैं। लेकिन ये हार्मोन बनाती हैं और मेटाबॉलिज्म को भी कंट्रोल करती हैं। इसलिए जब वजन घटता है, तब भी ये सेल्स पूरी तरह से शांत नहीं होतीं और धीरे-धीरे फिर से एक्टिव हो जाती हैं।
हार्मोन में बदलाव
वजन कम करने के बाद शरीर में कुछ हार्मोन बदल जाते हैं – जैसे लेप्टिन और घ्रेलिन। ये भूख को बढ़ा देते हैं और शरीर को बताने लगते हैं कि उसे फिर से फैट जमा करना है। इससे हम ज़्यादा खाने लगते हैं और एक्टिविटी कम कर देते हैं।
लॉन्ग-टर्म प्लान जरूरी है

वजन घटाने के बाद उसे बनाए रखने के लिए सिर्फ कुछ महीनों की डाइट या एक्सरसाइज़ प्लान काफी नहीं होता। इसके लिए ज़रूरी है -
-हेल्दी रूटीन
-नींद पूरी करना
-स्ट्रेस कंट्रोल करना
-धीरे-धीरे लाइफस्टाइल को बैलेंस करना
-और सबसे जरूरी - मेटाबोलिक मेमोरी को समझते हुए चलना।
ये स्टडी क्यों खास है?
ये रिसर्च हमारे लिए एक नई दिशा दिखाती है। अब साइंटिस्ट इस बात पर काम कर सकते हैं कि कैसे हम फैट सेल्स की इस मेमोरी को रीसेट करें या मैनेज करें। इससे वजन कंट्रोल करना आसान होगा और मोटापे से जुड़ी बीमारियों को भी रोका जा सकेगा।
पर्सनल स्ट्रैटेजी ज़रूरी है
हर इंसान का शरीर अलग तरह से रिएक्ट करता है। इसलिए वजन घटाने और बनाए रखने की कोई एक स्ट्रैटेजी सब पर फिट नहीं बैठती। आपको अपने लिए बेस्ट प्लान बनाना होगा – जिसमें हेल्थ एक्सपर्ट्स की मदद, सपोर्ट सिस्टम और खुद की मोटिवेशन बहुत जरूरी रोल निभाते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है । यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
You may also like
शिवा राजकुमार ने कमल हासन की कन्नड़ टिप्पणी पर ताली बजाने से किया इनकार, कर्नाटक में ठग लाइफ फिल्म के रिलीज पर भी हंगामा...
छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने में सामाजिक संस्थाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री साय
Tej Pratap Yadav Controversy: 'तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच वर्चस्व की लड़ाई', BJP विधायक ने लालू परिवार पर बोला हमला
जींद : आंदोलन में मारे गए साथियों काे किसानों ने दी श्रद्धांजलि
गुरुग्राम: प्रधानमंत्री के 11 साल पहले के पूरे हुए वायदे हैं संकल्प से सिद्धि: नायब सिंह सैनी