अहमदाबाद : डर्टी हैरी के नाम से मशहूर हर्षकुमार रमनलाल पटेल को अमरीका की एक अदालत ने 10 साल की सज़ा सुनाई है। यह सज़ा उन्हें मानव तस्करी के एक मामले में मिली है। 19 जनवरी, 2022 को कनाडा से अमरीका में घुसने की कोशिश करते हुए गुजरात के एक परिवार के चार लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना में पटेल की भूमिका सामने आई थी। पटेल को 20 फरवरी, 2024 को शिकागो एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। नवंबर 2024 में उन्हें दोषी ठहराया गया।
भारतीय पुलिस सूत्रों का कहना है कि पटेल ने कम से कम 35 भारतीयों को गैरकानूनी तरीके से यात्रा करवाई थी। इनमें से ज़्यादातर लोग गुजरात के मेहसाणा जिले के थे। सूत्रों के मुताबिक, हर्षकुमार पटेल ने कनाडा में पढ़ाई की थी। 2018 से वह न्यूयॉर्क और शिकागो में रह रहा था। उसने गैरकानूनी तरीके से अमरीका में दोबारा एंट्री की थी। इससे पहले, हैरी ने कई बार अमरीका के वीज़ा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन हर बार उसका आवेदन रद्द हो गया था।
डर्टी हैरी कौन'डर्टी हैरी' के नाम से मशहूर हर्षकुमार रमनलाल पटेल, मानव तस्करी का धंधा चलाता था। यह काम उसने मई 2021 में गांधीनगर के कलोल तालुका के इंद्रद गांव से शुरू किया था। यह गांव डिंगुचा से 17 किलोमीटर दूर है। डिंगुचा वही गांव है जहां के एक पटेल परिवार के चार सदस्य 19 जनवरी, 2022 को कनाडा-अमेरिका सीमा पार करते समय मर गए थे।
2014 से शुरू की मानव तस्करी पर स्टडीसूत्रों से पता चला है कि 'डर्टी हैरी' ने 2014 में तस्करी के रास्तों और तरीकों के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे, कोविड महामारी के दौरान वह सक्रिय रूप से इस काम में उतर गया। 2021 तक, उसने सूरत के फेनिल पटेल और कलोल के भावेश पटेल जैसे अन्य आरोपियों के साथ संबंध बना लिए थे। खबर है कि ये तीनों पंजाब के एक मानव तस्कर के लिए काम करते थे।
जगदीश पटेल परिवार को पहुंचाया था शिकागोहैरी का पहला बड़ा मानव तस्करी का काम जगदीश पटेल से जुड़ा था। जगदीश पटेल के परिवार ने उससे अमेरिका में प्रवेश करने के लिए मदद मांगी थी। पटेल, जो शिकागो से काम कर रहा था, विज़िटर वीज़ा पर संयुक्त राज्य अमेरिका में दाखिल हुआ और एक अमेरिकी नागरिक से उसकी सगाई हो गई। वह अपने ससुराल वालों के साथ रहता था और नागरिकता पाने की कोशिश कर रहा था। उसने स्टीव शैन्ड नाम के एक ड्राइवर को काम पर रखा था। स्टीव शैन्ड फ्लोरिडा के डेल्टोना का रहने वाला था। उसका काम था मिनेसोटा की सीमा से प्रवासियों को उठाना और उन्हें शिकागो क्षेत्र में पहुंचाना।
बिना दस्तावेजों के पहुंचा था अमेरिका2014 में डर्टी हैरी का छात्र वीज़ा दो बार रद्द कर दिया गया। 2016 में, उसने किंग्स्टन, ओंटारियो के सेंट लॉरेंस कॉलेज से पर्यटक वीज़ा के लिए आवेदन किया, लेकिन वह भी रद्द कर दिया गया। वीज़ा रद्द होने के तीन महीने बाद, वह बिना कागजात के अमेरिका में दाखिल हुआ, लेकिन जब सख्ती बढ़ गई तो वह वापस लौट गया।
ऐसे गिरफ्तार हुआ था डर्टी हैरीउसने आखिरी बार 2018 में अमेरिका में प्रवेश किया था और वह फरवरी 2021 तक वहीं रहा। इसके बाद, हैरी ने अवैध सीमा पार कराने की योजना बनाना और उसे प्रबंधित करना शुरू कर दिया। आरोप है कि वह अपनी सेवाओं के लिए मोटी रकम वसूलता था। हैरी को 20 फरवरी, 2024 को शिकागो हवाई अड्डे पर अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था।
भारतीय पुलिस सूत्रों का कहना है कि पटेल ने कम से कम 35 भारतीयों को गैरकानूनी तरीके से यात्रा करवाई थी। इनमें से ज़्यादातर लोग गुजरात के मेहसाणा जिले के थे। सूत्रों के मुताबिक, हर्षकुमार पटेल ने कनाडा में पढ़ाई की थी। 2018 से वह न्यूयॉर्क और शिकागो में रह रहा था। उसने गैरकानूनी तरीके से अमरीका में दोबारा एंट्री की थी। इससे पहले, हैरी ने कई बार अमरीका के वीज़ा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन हर बार उसका आवेदन रद्द हो गया था।
डर्टी हैरी कौन'डर्टी हैरी' के नाम से मशहूर हर्षकुमार रमनलाल पटेल, मानव तस्करी का धंधा चलाता था। यह काम उसने मई 2021 में गांधीनगर के कलोल तालुका के इंद्रद गांव से शुरू किया था। यह गांव डिंगुचा से 17 किलोमीटर दूर है। डिंगुचा वही गांव है जहां के एक पटेल परिवार के चार सदस्य 19 जनवरी, 2022 को कनाडा-अमेरिका सीमा पार करते समय मर गए थे।
2014 से शुरू की मानव तस्करी पर स्टडीसूत्रों से पता चला है कि 'डर्टी हैरी' ने 2014 में तस्करी के रास्तों और तरीकों के बारे में पढ़ना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे, कोविड महामारी के दौरान वह सक्रिय रूप से इस काम में उतर गया। 2021 तक, उसने सूरत के फेनिल पटेल और कलोल के भावेश पटेल जैसे अन्य आरोपियों के साथ संबंध बना लिए थे। खबर है कि ये तीनों पंजाब के एक मानव तस्कर के लिए काम करते थे।
जगदीश पटेल परिवार को पहुंचाया था शिकागोहैरी का पहला बड़ा मानव तस्करी का काम जगदीश पटेल से जुड़ा था। जगदीश पटेल के परिवार ने उससे अमेरिका में प्रवेश करने के लिए मदद मांगी थी। पटेल, जो शिकागो से काम कर रहा था, विज़िटर वीज़ा पर संयुक्त राज्य अमेरिका में दाखिल हुआ और एक अमेरिकी नागरिक से उसकी सगाई हो गई। वह अपने ससुराल वालों के साथ रहता था और नागरिकता पाने की कोशिश कर रहा था। उसने स्टीव शैन्ड नाम के एक ड्राइवर को काम पर रखा था। स्टीव शैन्ड फ्लोरिडा के डेल्टोना का रहने वाला था। उसका काम था मिनेसोटा की सीमा से प्रवासियों को उठाना और उन्हें शिकागो क्षेत्र में पहुंचाना।
बिना दस्तावेजों के पहुंचा था अमेरिका2014 में डर्टी हैरी का छात्र वीज़ा दो बार रद्द कर दिया गया। 2016 में, उसने किंग्स्टन, ओंटारियो के सेंट लॉरेंस कॉलेज से पर्यटक वीज़ा के लिए आवेदन किया, लेकिन वह भी रद्द कर दिया गया। वीज़ा रद्द होने के तीन महीने बाद, वह बिना कागजात के अमेरिका में दाखिल हुआ, लेकिन जब सख्ती बढ़ गई तो वह वापस लौट गया।
ऐसे गिरफ्तार हुआ था डर्टी हैरीउसने आखिरी बार 2018 में अमेरिका में प्रवेश किया था और वह फरवरी 2021 तक वहीं रहा। इसके बाद, हैरी ने अवैध सीमा पार कराने की योजना बनाना और उसे प्रबंधित करना शुरू कर दिया। आरोप है कि वह अपनी सेवाओं के लिए मोटी रकम वसूलता था। हैरी को 20 फरवरी, 2024 को शिकागो हवाई अड्डे पर अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था।
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