कोटद्वार: उत्तराखंड के अंकिता भंडारी कांड ने हर किसी को दहला दिया था। इस कांड के तीनों आरोपियों पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट के सजा के ऐलान के बाद जांच के दौरान खुली पड़तें सामने आई हैं। दरअसल, यमकेश्वर रिसॉर्ट हत्याकांड में मुख्य दोषी के दावे को किसी और ने नहीं बल्कि चंद्रमा ने ही झूठा साबित कर दिया। शुक्रवार को रिसॉर्ट हत्याकांड में पुलकित आर्या और उसके दो साथियों को दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद मामले की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) की प्रमुख पी. रेणुका देवी ने बताया कि हत्या की रात क्या हुआ था? इस बारे में पुलकित के बयानों में विसंगतियां मौसम संबंधी वेधशाला की मदद से पकड़ी गईं।
वनंतरा रिसॉर्ट के मालिक और निष्कासित भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री विनोद आर्या के बेटे पुलकित आर्या ने दावा किया था कि 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट की मौत दुर्घटनावश बैराज में गिरने से हुई थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि यह घटना रात करीब 9 बजे हुई। वह और उनके साथी पीड़िता को गिरते हुए देख रहे थे। उन्होंने उसे बचाने की कोशिश भी की। इस दावे की पुष्टि करने के लिए, हमने कोलकाता में मौसम विज्ञान वेधशाला से संपर्क किया। वेधशाला ने पुष्टि की कि उस क्षेत्र में रात 11 बजे के आसपास ही चांद निकला था।
पुलकित का झूठ आया सामनेजयपुर में सीबीआई के साथ डीआईजी के रूप में वर्तमान समय में कार्यरत पी. रेणुका देवी ने बताया कि इस प्रकार पुलकित का दावा कि किसी को देखने के लिए प्राकृतिक रोशनी थी, झूठा पाया गया। दरअसल, उस रात 9 बजे वहां बहुत ज्यादा अंधेरा था। बैराज के पास जंगल में केवल मोबाइल फोन टॉर्च का उपयोग करके देख पाना संभव। बैराज से सीसीटीवी फुटेज भी सबूत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा साबित हुआ।
पी. रेणुका ने कहा कि पहली बार एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने शव परीक्षण किया, जिन्होंने अपराध स्थल का भी दौरा किया। उन्होंने यह निर्धारित करने में मदद की कि पीड़िता किस ऊंचाई से बैराज में गिरी थी। डॉक्टरों ने उसकी चोटों की प्रकृति का आकलन किया। इसने मामले को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसआईटी का हुआ था गठनदरअसल, वनंतरा रिसॉर्ट से रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी 18 सितंबर को लापता हो गई थी। माता-पिता की शिकायत के बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी तो मामला सोशल मीडिया पर गरमाया। इसके बाद पुलिस जांच तेज हुई। पुलकित आर्या और उसके साथियों को पकड़ा गया। उसने अंकिता के चीला नहर में गिरने की कहानी रची। इस घटना के छह दिन बाद चीला नहर से अंकिता के शव को बरामद किया गया। मामले में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने 24 सितंबर 2022 को एसआईटी का गठन किया।
हत्याकांड केस में एसआईटी ने अंकिता की मौत की जांच शुरू की। जांच शुरू करने के तुरंत बाद एसआईटी ने पुलकित आर्य और उसके साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को रिमांड पर ले लिया। उनसे पूछताछ के क्रम में हत्या के राज बाहर आते गए।
तीनों को पाया गया दोषीएसआईटी ने अंकिता हत्याकांड मामले में जांच के बाद 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में जमा कराई। कोर्ट ने तमाम सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर पुलकित आर्या और उसके दोनों साथियों को रिसेप्शनिस्ट की हत्या का दोषी पाया। शुक्रवार को कोटद्वार की अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
तीनों में से पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्यों को गायब करना) और 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप लगाए गए। बाकी दो, भास्कर और गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत आरोप लगाए गए। कोर्ट ने सभी आरोप सही पाए।
वनंतरा रिसॉर्ट के मालिक और निष्कासित भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री विनोद आर्या के बेटे पुलकित आर्या ने दावा किया था कि 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट की मौत दुर्घटनावश बैराज में गिरने से हुई थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि यह घटना रात करीब 9 बजे हुई। वह और उनके साथी पीड़िता को गिरते हुए देख रहे थे। उन्होंने उसे बचाने की कोशिश भी की। इस दावे की पुष्टि करने के लिए, हमने कोलकाता में मौसम विज्ञान वेधशाला से संपर्क किया। वेधशाला ने पुष्टि की कि उस क्षेत्र में रात 11 बजे के आसपास ही चांद निकला था।
पुलकित का झूठ आया सामनेजयपुर में सीबीआई के साथ डीआईजी के रूप में वर्तमान समय में कार्यरत पी. रेणुका देवी ने बताया कि इस प्रकार पुलकित का दावा कि किसी को देखने के लिए प्राकृतिक रोशनी थी, झूठा पाया गया। दरअसल, उस रात 9 बजे वहां बहुत ज्यादा अंधेरा था। बैराज के पास जंगल में केवल मोबाइल फोन टॉर्च का उपयोग करके देख पाना संभव। बैराज से सीसीटीवी फुटेज भी सबूत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा साबित हुआ।
पी. रेणुका ने कहा कि पहली बार एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने शव परीक्षण किया, जिन्होंने अपराध स्थल का भी दौरा किया। उन्होंने यह निर्धारित करने में मदद की कि पीड़िता किस ऊंचाई से बैराज में गिरी थी। डॉक्टरों ने उसकी चोटों की प्रकृति का आकलन किया। इसने मामले को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसआईटी का हुआ था गठनदरअसल, वनंतरा रिसॉर्ट से रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी 18 सितंबर को लापता हो गई थी। माता-पिता की शिकायत के बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी तो मामला सोशल मीडिया पर गरमाया। इसके बाद पुलिस जांच तेज हुई। पुलकित आर्या और उसके साथियों को पकड़ा गया। उसने अंकिता के चीला नहर में गिरने की कहानी रची। इस घटना के छह दिन बाद चीला नहर से अंकिता के शव को बरामद किया गया। मामले में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने 24 सितंबर 2022 को एसआईटी का गठन किया।
हत्याकांड केस में एसआईटी ने अंकिता की मौत की जांच शुरू की। जांच शुरू करने के तुरंत बाद एसआईटी ने पुलकित आर्य और उसके साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को रिमांड पर ले लिया। उनसे पूछताछ के क्रम में हत्या के राज बाहर आते गए।
तीनों को पाया गया दोषीएसआईटी ने अंकिता हत्याकांड मामले में जांच के बाद 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में जमा कराई। कोर्ट ने तमाम सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर पुलकित आर्या और उसके दोनों साथियों को रिसेप्शनिस्ट की हत्या का दोषी पाया। शुक्रवार को कोटद्वार की अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
तीनों में से पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्यों को गायब करना) और 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत आरोप लगाए गए। बाकी दो, भास्कर और गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत आरोप लगाए गए। कोर्ट ने सभी आरोप सही पाए।
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