मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृंदावन में दिनेश बीड़ी वाले के नाम से मशहूर कारोबारी सुरेश चंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनकी हत्या बेटे नरेश अग्रवाल ने की। संपत्ति विवाद में हत्या का मामला सामने आया है। पिता की हत्या करने के बाद नरेश अग्रवाल ने खुद भी जान दे दी। अब यह मामला वृंदावन में खासा चर्चित हो रहा है। दरअसल, नरेश अग्रवाल ने अपने बड़े बेटे दिनेश अग्रवाल के नाम पर बीड़ी का कारोबार शुरू किया था। देखते ही देखते वृंदावन से कोलकाता तक उनकी बीड़ी का कारोबार चल निकला। अब इस बीड़ी के कारोबार में हिस्सेदारी को लेकर परिवार में विवाद छिड़ा हुआ था। दोहरे हत्याकांड ने वृंदावन में सनसनी मचा दी है। अब इस घटना की हर कोई बात कर रहा है।
कौन थे सुरेश चंद्र?सुरेश चंद्र वृंदावन के रहने वाले कारोबारी थे। मृतक सुरेश चंद्र को दिनेश बीड़ी वाले के नाम से वृंदावन के लोग जानते थे। इस परिवार का बीड़ी का कारोबार है। इसे पिता और सभी तीनों पुत्र मिलकर संभाल रहे थे। घटना में पिता और एक पुत्र की मौत हुई है, जिससे पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। वहीं क्षेत्र में भी लोग दुख जता रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सुरेश चंद्र के तीन बेटे थे। सबसे बड़ा बेटा दिनेश है। उसके नाम पर करीब 35 से 40 साल पहले बीड़ी के कारोबार की शुरुआत की गई थी। अभी घर के सामने ही कारखाना है, जहां बीड़ी बनाई जाती है।
कोलकाता से कच्चा माल, कारीगरवृंदावन वाली बीड़ी फैक्ट्री में कोलकाता के कारीगर बीड़ी बनाने का काम करते हैं। वे वहीं रहकर इस काम को करते हैं। दरअसल, बीड़ी बनाने के लिए कच्चा माल भी कोलकाता से ही मंगाया जाता है। पूरा परिवार एक ही घर में रहता है। दिनेश के दो छोटे भाई नरेश और महेश कारोबार में हाथ बंटा रहे थे।
हिस्सेदारी को लेकर विवादकारोबार में हिस्सेदारी को लेकर पिता और पुत्र में कुछ समय से विवाद की स्थिति बनी हुई थी। सामने आया है कि नरेश के बेटे की करीब 2 साल पहले शादी हुई थी। शुक्रवार देर शाम को पिता और पुत्र में विवाद हुआ। इसके बाद यह घटना घट गई। इसमें पिता और पुत्र दोनों की ही मौत हो गई।
बंगाल में रहता है दिनेशजानकारी के अनुसार, जिस दिनेश अग्रवाल के नाम पर बीड़ी का कारोबार है, वह पश्चिम बंगाल में रहता है। पश्चिम बंगाल में भी इनका बीड़ी का काम है। वहां का कारोबार दिनेश संभालता है। वहां से कच्चा माल भी दिनेश ही यहां भेजता है। मामले में सीओ सदर संदीप सिंह का कहना है कि शुरुआती जांच में सामने आया है, कारोबार को लेकर पिता सुरेश और बेटा नरेश में झगड़ा चल रहा था।
सीओ सदर ने कहा कि कारोबारी झगड़े के गुस्से में नरेश ने पिता सुरेश की गोली मार कर आत्महत्या कर ली। दोनों की मृत्यु हो गई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि इस मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है।
कौन थे सुरेश चंद्र?सुरेश चंद्र वृंदावन के रहने वाले कारोबारी थे। मृतक सुरेश चंद्र को दिनेश बीड़ी वाले के नाम से वृंदावन के लोग जानते थे। इस परिवार का बीड़ी का कारोबार है। इसे पिता और सभी तीनों पुत्र मिलकर संभाल रहे थे। घटना में पिता और एक पुत्र की मौत हुई है, जिससे पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। वहीं क्षेत्र में भी लोग दुख जता रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सुरेश चंद्र के तीन बेटे थे। सबसे बड़ा बेटा दिनेश है। उसके नाम पर करीब 35 से 40 साल पहले बीड़ी के कारोबार की शुरुआत की गई थी। अभी घर के सामने ही कारखाना है, जहां बीड़ी बनाई जाती है।
कोलकाता से कच्चा माल, कारीगरवृंदावन वाली बीड़ी फैक्ट्री में कोलकाता के कारीगर बीड़ी बनाने का काम करते हैं। वे वहीं रहकर इस काम को करते हैं। दरअसल, बीड़ी बनाने के लिए कच्चा माल भी कोलकाता से ही मंगाया जाता है। पूरा परिवार एक ही घर में रहता है। दिनेश के दो छोटे भाई नरेश और महेश कारोबार में हाथ बंटा रहे थे।
हिस्सेदारी को लेकर विवादकारोबार में हिस्सेदारी को लेकर पिता और पुत्र में कुछ समय से विवाद की स्थिति बनी हुई थी। सामने आया है कि नरेश के बेटे की करीब 2 साल पहले शादी हुई थी। शुक्रवार देर शाम को पिता और पुत्र में विवाद हुआ। इसके बाद यह घटना घट गई। इसमें पिता और पुत्र दोनों की ही मौत हो गई।
बंगाल में रहता है दिनेशजानकारी के अनुसार, जिस दिनेश अग्रवाल के नाम पर बीड़ी का कारोबार है, वह पश्चिम बंगाल में रहता है। पश्चिम बंगाल में भी इनका बीड़ी का काम है। वहां का कारोबार दिनेश संभालता है। वहां से कच्चा माल भी दिनेश ही यहां भेजता है। मामले में सीओ सदर संदीप सिंह का कहना है कि शुरुआती जांच में सामने आया है, कारोबार को लेकर पिता सुरेश और बेटा नरेश में झगड़ा चल रहा था।
सीओ सदर ने कहा कि कारोबारी झगड़े के गुस्से में नरेश ने पिता सुरेश की गोली मार कर आत्महत्या कर ली। दोनों की मृत्यु हो गई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस की ओर से दावा किया गया है कि इस मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है।
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