तिरुवनंतपुरम : केरल पुलिस ने वायनाड में एक पादरी को धमकी देने वाला वीडियो वायरल होने के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया है। पुलिस ने दर्ज रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ गंभीर धमकियां दीं, बल्कि शांति भंग करने के लिए जानबूझकर वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया। हालांकि बीजेपी नेताओं ने दावा किया है कि आरोपियों का आरएसएस या उससे जुड़े संगठनों से कोई संबंध नहीं है।
बजरंग दल पर आरोप
वायनाड में पादरी को धमकी देने वाला वीडियो अप्रैल का बताया जा रहा है, जिस पर केरल पुलिस ने अब केस दर्ज किया है। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब केरल से दिल्ली तक छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमाई है। वायरल वीडियो में यह दिख रहा है कि कुछ लोग पादरी की गाड़ी को रोक कर उसे गालियां दे रहे हैं। उनमें से एक आदमी को यह कहते हुए सुना गया कि अगर तुम दोबारा हिंदू घरों में घुसे, तो सिर्फ पिटाई नहीं होगी। तुम्हारे पैर काट दिए जाएंगे। आरोप है कि धमकी देने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता थे। वह पादरी पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा रहे थे।
एफआईआर में गंभीर आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, केस दर्ज करने के बाद वायनाड पुलिस ने पादरी से संपर्क किया और कथित तौर से धमकाने के आरोपियों के बारे में जानकारी ली। पुलिस का दावा है कि पादरी चेरुकड आदिवासी कॉलोनी में बच्चों को छुट्टियों की क्लास के लिए बुलाने गया था। इसी दौरान उसे रोका गया और धमकाया गया। पुलिस ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया। इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एफआईआर में दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने के आरोप में लगाया गया है। वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
बजरंग दल पर आरोप
वायनाड में पादरी को धमकी देने वाला वीडियो अप्रैल का बताया जा रहा है, जिस पर केरल पुलिस ने अब केस दर्ज किया है। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब केरल से दिल्ली तक छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी के बाद सियासत गरमाई है। वायरल वीडियो में यह दिख रहा है कि कुछ लोग पादरी की गाड़ी को रोक कर उसे गालियां दे रहे हैं। उनमें से एक आदमी को यह कहते हुए सुना गया कि अगर तुम दोबारा हिंदू घरों में घुसे, तो सिर्फ पिटाई नहीं होगी। तुम्हारे पैर काट दिए जाएंगे। आरोप है कि धमकी देने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता थे। वह पादरी पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा रहे थे।
एफआईआर में गंभीर आरोप
रिपोर्ट के मुताबिक, केस दर्ज करने के बाद वायनाड पुलिस ने पादरी से संपर्क किया और कथित तौर से धमकाने के आरोपियों के बारे में जानकारी ली। पुलिस का दावा है कि पादरी चेरुकड आदिवासी कॉलोनी में बच्चों को छुट्टियों की क्लास के लिए बुलाने गया था। इसी दौरान उसे रोका गया और धमकाया गया। पुलिस ने उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया। इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एफआईआर में दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने के आरोप में लगाया गया है। वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
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