नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने राजधानी को जाम-मुक्त बनाने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बेहतर इस्तेमाल के मकसद से एक व्यापक ट्रैफिक प्लान तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहली बार ट्रैफिक पैटर्न, दूसरे राज्यों से आने वाली गाड़ियों की संख्या और मौजूदा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के हालात को लेकर एक विस्तृत स्टडी कराई जाएगी। इसी को लेकर दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने IIT BHU को पत्र लिखकर सहयोग मांगा है।
स्टडी में इन बातों का रखा जाएगा ध्यान
सरकारी अफसरों के अनुसार, इस पहल का मकसद सड़कों पर भीड़भाड़ और पॉल्यूशन कम करना है। स्टडी का फोकस इस बात पर होगा कि गाड़ी किस रूट पर कितनी मात्रा में चलती है और ट्रैफिक को नियंत्रित कर शहर में मूवमेंट कैसे सुधारा जाए। इससे जाम कम करने, सड़क सुरक्षा बढ़ाने और बस-मेट्रो को बेहतर तरीके से जोड़ने में मदद मिलेगी।
एजेंसियों के पास नहीं है कोई डाटा
अफसरों ने बताया कि फिलहाल किसी भी एजेंसी के पास ऐसा कोई कंप्रिहेंसिव डाटा नहीं है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि बड़ी सड़कों पर किस समय कितना ट्रैफिक रहता है, पीक और नॉन-पीक आवर्स में गाड़ियों की संख्या कितनी होती है, अन्य राज्यों कितनी गाड़ियां एंट्री करती हैं और किन कॉरिडोरों पर सबसे अधिक दबाव है।
दिल्ली को मॉबिलिटी प्लान की जरूरत
ट्रैफिक और अर्बन डिवलपमेंट एक्सपर्ट अमित भट्ट ने कहा कि दिल्ली को एक अच्छे मॉबिलिटी प्लान की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकारों ने पहले भी कई स्टडी कराई हैं लेकिन सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। इसलिए इस बार जरूरी है कि स्टडी के साथ-साथ उसकी सिफारिशों को लागू कराने के लिए एक एक्सपर्ट ग्रुप भी बनाया जाए।
स्टडी का इन बातों पर होगा फोकस
स्टडी में इन बातों का रखा जाएगा ध्यान
सरकारी अफसरों के अनुसार, इस पहल का मकसद सड़कों पर भीड़भाड़ और पॉल्यूशन कम करना है। स्टडी का फोकस इस बात पर होगा कि गाड़ी किस रूट पर कितनी मात्रा में चलती है और ट्रैफिक को नियंत्रित कर शहर में मूवमेंट कैसे सुधारा जाए। इससे जाम कम करने, सड़क सुरक्षा बढ़ाने और बस-मेट्रो को बेहतर तरीके से जोड़ने में मदद मिलेगी।
एजेंसियों के पास नहीं है कोई डाटा
अफसरों ने बताया कि फिलहाल किसी भी एजेंसी के पास ऐसा कोई कंप्रिहेंसिव डाटा नहीं है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि बड़ी सड़कों पर किस समय कितना ट्रैफिक रहता है, पीक और नॉन-पीक आवर्स में गाड़ियों की संख्या कितनी होती है, अन्य राज्यों कितनी गाड़ियां एंट्री करती हैं और किन कॉरिडोरों पर सबसे अधिक दबाव है।
दिल्ली को मॉबिलिटी प्लान की जरूरत
ट्रैफिक और अर्बन डिवलपमेंट एक्सपर्ट अमित भट्ट ने कहा कि दिल्ली को एक अच्छे मॉबिलिटी प्लान की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकारों ने पहले भी कई स्टडी कराई हैं लेकिन सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। इसलिए इस बार जरूरी है कि स्टडी के साथ-साथ उसकी सिफारिशों को लागू कराने के लिए एक एक्सपर्ट ग्रुप भी बनाया जाए।
स्टडी का इन बातों पर होगा फोकस
- चयनित रूटों पर ट्रैफिक वॉल्यूम का सर्वे।
- पीक और ऑफ-पीक टाइम का तुलनात्मक विश्लेषण।
- ओरिजिन डेस्टिनेशन स्टडी।
- सड़कों की डिजाइन और सुरक्षा का ऑडिट।
- शहर के भीतर और बाहर से आने-जाने के यात्रा पैटर्न की पहचान।
- जाम वाले पॉइंट्स और यात्रा समय का मूल्यांकन।
- पार्किंग मैनेजमेंट और हाई-डिमांड एरिया की पहचान।
- बस-मेट्रो इंटीग्रेशन और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सुधार।
- दिल्ली पुलिस और रोड सेफ्टी सोल के आधार पर ब्लैक स्पॉट की पहचान।
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