इंदौर: जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवायएच में लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। अस्पताल के NICU में भर्ती दो नवजात शिशुओं के हाथ चूहों ने कुतर डाले। दोनों बच्चों को जन्म के बाद कुछ ही दिनों में यहां भर्ती कराया गया था। रविवार को पहले एक बच्चे को चूहे ने काटा, जिसके बाद उसका इलाज शुरू किया गया। लेकिन सोमवार को फिर से चूहों ने दूसरे नवजात को काट लिया।
सूत्रों के अनुसार, अस्पताल परिसर में लंबे समय से चूहों की भरमार है। खासकर NICU यूनिट में एक बड़ा चूहा कई दिनों से सक्रिय है, जिसे देखकर स्टाफ तक सहम जाता है। इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है और पेस्ट कंट्रोल के लिए तैयारी शुरू की गई है। साथ ही NICU में चूहों की आवाजाही रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए जा रहे हैं।
वरिष्ठ डॉक्टरों को दी गई सूचना
घटना के तुरंत बाद संबंधित डॉक्टरों और सीनियर स्टाफ को जानकारी दी गई। कुछ ही देर में यूनिट में वरिष्ठ डॉक्टर पहुंच गए और बच्चों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस मामले की जानकारी HOD डॉ. ब्रजेश लाहोटी को दी। डॉ. लाहोटी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि अस्पताल और इसके आसपास चूहों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। फिलहाल दोनों नवजातों का इलाज किया जा रहा है और उन पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
पांच साल से नहीं हुआ पेस्ट कंट्रोल
अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने बताया कि मरीजों के परिजन वार्ड तक खाने की सामग्री ले आते हैं। जिसकी वजह से चूहों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आखिरी बार पेस्ट कंट्रोल लगभग पांच साल पहले किया गया था। उसके बाद से इस दिशा में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया, जिससे समस्या बढ़ती चली गई।
सूत्रों के अनुसार, अस्पताल परिसर में लंबे समय से चूहों की भरमार है। खासकर NICU यूनिट में एक बड़ा चूहा कई दिनों से सक्रिय है, जिसे देखकर स्टाफ तक सहम जाता है। इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है और पेस्ट कंट्रोल के लिए तैयारी शुरू की गई है। साथ ही NICU में चूहों की आवाजाही रोकने के लिए तुरंत कदम उठाए जा रहे हैं।
वरिष्ठ डॉक्टरों को दी गई सूचना
घटना के तुरंत बाद संबंधित डॉक्टरों और सीनियर स्टाफ को जानकारी दी गई। कुछ ही देर में यूनिट में वरिष्ठ डॉक्टर पहुंच गए और बच्चों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने इस मामले की जानकारी HOD डॉ. ब्रजेश लाहोटी को दी। डॉ. लाहोटी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि अस्पताल और इसके आसपास चूहों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। फिलहाल दोनों नवजातों का इलाज किया जा रहा है और उन पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
पांच साल से नहीं हुआ पेस्ट कंट्रोल
अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. अशोक यादव ने बताया कि मरीजों के परिजन वार्ड तक खाने की सामग्री ले आते हैं। जिसकी वजह से चूहों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आखिरी बार पेस्ट कंट्रोल लगभग पांच साल पहले किया गया था। उसके बाद से इस दिशा में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया, जिससे समस्या बढ़ती चली गई।
You may also like
पाकिस्तान से भारत आईं दो बहनों के पास कई साल से कोई नागरिकता नहीं, जानिए पूरी कहानी
शादी` नहीं हुई लेकिन मां बनने से नहीं डरीं इस मशहूर अभिनेत्री की कहानी बनी हज़ारों महिलाओं के लिए मिसाल
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में चला मच्छर रोधी अभियान
गाजियाबाद में विकास की नई इबारत, जीडीए बोर्ड बैठक में लिए गए ऐतिहासिक फैसले
गोरखा सैनिकों की वीरगाथा को संजोएगी योगी सरकार