नागौर: जोधपुर से मकराना की ओर से जाने वाली एक ट्रेन में यात्री को अचानक हार्ट अटैक आ गया। सीने में दर्द होने पर वह बेहोश होने की स्थिति में आ गया। ट्रेन में कई यात्री थे। अचानक एक व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने से कोई समझ नहीं पा रहा था कि क्या किया जाए। उसी कोच में एक नर्सिंग छात्रा भी सफर कर रही थी। उसने स्थिति को समझा और तुरंत पीड़ित यात्री को सीपीआर देना शुरू कर दिया। करीब 20 मिनट तक सीपीआई देकर नर्सिंग छात्रा ने यात्री की जान बचा ली।
प्राची व्यास ने बचा ली जिंदगी
ट्रेन में सफर के दौरान जिस यात्री को दिल का दौरा पड़ा। वह सांचौर जिले का रहने वाला ओमप्रकाश नायक है। ट्रेन के जिस कोच में ओमप्रकाश सफर कर रहा था। उसी कोच में परबतसर निवासी प्राची व्यास भी सफर कर रही थी। रायपुर एम्स से बीएससी नर्सिंग कर रही है। वह एग्जाम देकर अपने गांव जा रही थी। उसी दौरान जब ओमप्रकाश को दिल का दौरा पड़ा तो प्राची ने तुरंत सीपीआर देना शुरू कर दिया। ओमप्रकाश की तबीयत फिलहाल ठीक है। प्राची के इस प्रयास की हर कोई तारीफ कर रहा है। प्राची के ताऊ सुरेश चंद्र व्यास का कहना है कि प्राची सेवाभावी है। वह गांव और आसपास के लोगों की भी तत्काल सेवा करती है।
जान बचाने का बहुत कारगर तरीका है सीपीआर
प्राची का कहना है कि मेडिकल के हर स्टूडेंट को सीपीआर का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि आपात स्थिति में वे किसी भी मरीज को सीपीआर के जरिए कृत्रिम सांस देकर उनकी जिंदगी बचा सके। आजकल ऐसे शिविर भी लगाए जाते हैं जिनमें लोगों को सीपीआर की ट्रेनिंग की जाती है। प्राची का कहना है कि सीपीआर का नॉलेज केवल मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए नहीं बल्कि हर व्यक्ति को होना चाहिए। दिल का दौरा पड़ने के मामले आए दिन सामने आते हैं। ऐसे मामलों में अस्पताल पहुंचने से पहले सीपीआर देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है।
प्राची व्यास ने बचा ली जिंदगी
ट्रेन में सफर के दौरान जिस यात्री को दिल का दौरा पड़ा। वह सांचौर जिले का रहने वाला ओमप्रकाश नायक है। ट्रेन के जिस कोच में ओमप्रकाश सफर कर रहा था। उसी कोच में परबतसर निवासी प्राची व्यास भी सफर कर रही थी। रायपुर एम्स से बीएससी नर्सिंग कर रही है। वह एग्जाम देकर अपने गांव जा रही थी। उसी दौरान जब ओमप्रकाश को दिल का दौरा पड़ा तो प्राची ने तुरंत सीपीआर देना शुरू कर दिया। ओमप्रकाश की तबीयत फिलहाल ठीक है। प्राची के इस प्रयास की हर कोई तारीफ कर रहा है। प्राची के ताऊ सुरेश चंद्र व्यास का कहना है कि प्राची सेवाभावी है। वह गांव और आसपास के लोगों की भी तत्काल सेवा करती है।
जान बचाने का बहुत कारगर तरीका है सीपीआर
प्राची का कहना है कि मेडिकल के हर स्टूडेंट को सीपीआर का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि आपात स्थिति में वे किसी भी मरीज को सीपीआर के जरिए कृत्रिम सांस देकर उनकी जिंदगी बचा सके। आजकल ऐसे शिविर भी लगाए जाते हैं जिनमें लोगों को सीपीआर की ट्रेनिंग की जाती है। प्राची का कहना है कि सीपीआर का नॉलेज केवल मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए नहीं बल्कि हर व्यक्ति को होना चाहिए। दिल का दौरा पड़ने के मामले आए दिन सामने आते हैं। ऐसे मामलों में अस्पताल पहुंचने से पहले सीपीआर देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है।
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