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गर्दन और जबड़े को चीरती सीधे बच्ची के दिमाग तक पहुंची थी कील, 4 घंटे जूझने के बाद KGMU के डॉक्टरों ने निकाली

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लखनऊ: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर सात साल की एक बच्ची की जान बचाई। बच्ची के सिर में 8 सेंटीमीटर लंबी कील गर्दन के रास्ते से मस्तिष्क तक धंस गई थी। डॉक्टरों ने चार घंटे का जटिल ऑपरेशन कील बाहर निकाली। फिर उसे दस दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा। आखिर में गुरुवार को उसे सामान्य वॉर्ड में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है।



ऑपरेशन टीम की अगुआई करने वाले डॉ. समीर मिश्रा ने बताया कि बच्ची बलरामपुर जिले के नवाजपुर गांव की रहने वाली है। 15 मई को खेलते वक्त उसके सिर में एक कील घुस गई थी। घरवाले उसे पहले नजदीकी निजी अस्पताल ले गए, जहां से उसे जिला अस्पताल भेजा गया, फिर ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। घरवाले 16 मई की रात एक बजे उसे ट्रॉमा सेंटर लाए। बच्ची की हालत देखकर डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी का फैसला किया।



डॉ. समीर ने बताया कि कील बेहद पतली थी और गर्दन व जबड़े को चीरते हुए सीधे दिमाग तक पहुंच गई थी। इसी कारण सर्जरी के लिए ईएनटी, न्यूरोसर्जरी और एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की टीम बनाई गई। डॉ. समीर और डॉ. वैभव जायसवाल की अगुआई में चार घंटे चली सर्जरी में कील सफलतापूर्वक निकाल ली गई। ऑपरेशन के बाद भी बच्ची की हालत नाजुक थी। ऐसे में उसे दस दिन वेंटिलेटर पर रखा गया। फिर गुरुवार को सामान्य वॉर्ड में शिफ्ट किया गया। ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ. यादवेंद्र, एसआर डॉ. लोकेश, डॉ. आकांक्षा, डॉ. विशाल व डॉ. रंजीत चंद्र और जेआर डॉ. अर्पिता और डॉ. अर्चना भी शामिल रहीं।

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