श्रीनगर : दिल्ली कार विस्फोट के पीछे की भयावह सफेदपोश आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। माना जा रहा है कि दिल्ली ब्लास्ट के पीछे तीन कश्मीरी डॉक्टरों की संलिप्तता है। तीन में से दो डॉक्टर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के रहनेवाले हैं। खास बात ही कि उनका गांव भी एक ही है। पुलिस ने दोनों के परिवारवालों को नजरबंद करके रखा है। उनसे पूछताछ की जा रही है। आसपास इलाके में सुरक्षा सख्त कर दी गई है। आरोपी आतंकी डॉक्टर्स के घर पर आस-पड़ोस और रिश्तेदारों का आना-जाना लगा है। उनके परिवार ने अपने बेटों के आतंकी लिंक की किसी भी जानकारी से इनकार किया है।
आतंकी गतिविधि में में गिरफ्तार डॉ. मुज़म्मिल की मां नसीमा ने कहा कि उनका बेटा मुजम्मिल लगभग चार साल पहले घर से चला गया था। वह दिल्ली में डॉक्टर के तौर पर काम कर रहा था। इस दौरान हमें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
'पुलिस बेटों से मिलने नहीं दे रही'नसीमा ने दावा किया कि जब उनके बेटे मुजम्मिल को गिरफ़्तार किया गया, तो हमें दूसरों से पता चला। हमने उससे मिलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हमें मिलने नहीं दिया। यहां तक कि मेरे दूसरे बेटे को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है। वे कह रहे हैं कि मेरा बेटा दिल्ली बम धमाकों में संदिग्ध है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। मैं बस यही चाहती हूं कि मेरे दोनों बेटों को रिहा कर दिया जाए।
'हम पूरी तरह से भारतीय, आतंकी होने का आरोप झूठा'नसीमा ने कहा कि हम भारतीय हैं। उनका बेटा भी भारत से प्यार करता है। वह ऐसा नहीं कर सकता है। वहीं मुज़म्मिल के भाई आज़ाद शकील ने आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह एक बड़ा आतंकवादी है। हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। पिछले पांच दशकों से, हमारे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी मामले में शामिल नहीं रहा है। शकील ने आगे कहा कि परिवार, जो मुख्यतः किसान है, को अपने राष्ट्रवादी रुख के कारण पहले भी विरोध का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से भारतीय हैं और भारत के लिए पत्थर उठाए हैं। आप गांव में किसी से भी इसकी पुष्टि कर सकते हैं।
रविवार को थी बहन की शादीमुज़म्मिल को एक अच्छा इंसान बताते हुए, शकील ने कहा कि उस पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं, लेकिन हमें अभी तक उससे मिलने नहीं दिया गया है।"उन्होंने बताया कि मुज़म्मिल अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए घर लौटा था, जो पहले रविवार को होने वाली थी, लेकिन अब रद्द कर दी गई है। डॉक्टर अपने पिता की सर्जरी के लिए पहले कश्मीर भी गए थे।
डॉ. मोहम्मद उमर के पिता मानसिक विक्षिप्तडॉक्टर मोहम्मद उमर, जो कथित तौर पर i20 कार चला रहे थे और सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट में मारे गए, पुलवामा के कोइल गांव के थे। पुलिस ने पूछताछ के लिए उनके दो भाइयों और मां को हिरासत में लिया है। जबकि उनके पिता कथित तौर पर मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। उमर ने श्रीनगर के प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) से एमबीबीएस किया था। उन्होंने मेरिट के आधार पर प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त किया था।
कोइल गांव का रहने वाला है मुजम्मिलपड़ोसियों ने बताया कि हालांकि वह एक मेहनती और अध्ययनशील बच्चा था, लेकिन बचपन से ही उस पर कट्टर इस्लामी प्रभाव गहरा था। डॉ. मुज़म्मिल भी पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला है। इस साजिश में शामिल और गिरफ्तार किया गया तीसरा कश्मीरी डॉक्टर डॉ. आदिल अहमद राठेर है, जिसे इस साल अक्टूबर में श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉ. आदिल के लॉकर से एक एके-47 असॉल्ट राइफल बरामद की गई, जहां आदिल अक्टूबर 2024 तक कार्यरत था।
ऐसे जुड़े तारउच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आदिल से लगातार पूछताछ के कारण ही पूरे आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ। उसके खुलासे के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की एक टीम ने हरियाणा के फरीदाबाद में 290 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, असॉल्ट राइफलें, टाइमर डिवाइस और गोला-बारूद बरामद किया। डॉ. आदिल राठेर घाटी के कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके से ताल्लुक रखते हैं। उनके खुलासे के बाद, पुलिस ने लखनऊ से एक अन्य डॉ. शाहीन शाहिद को भी गिरफ्तार किया और उनकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद की।
आदिल और मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद भी, डॉ. मोहम्मद उमर फरार था। ऐसा माना जाता है कि अपने साथियों की गिरफ़्तारी से उमर पूरी तरह घबरा गया था और उसने घबराहट में लाल किला विस्फोट को अंजाम दिया।
आतंकी गतिविधि में में गिरफ्तार डॉ. मुज़म्मिल की मां नसीमा ने कहा कि उनका बेटा मुजम्मिल लगभग चार साल पहले घर से चला गया था। वह दिल्ली में डॉक्टर के तौर पर काम कर रहा था। इस दौरान हमें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
'पुलिस बेटों से मिलने नहीं दे रही'नसीमा ने दावा किया कि जब उनके बेटे मुजम्मिल को गिरफ़्तार किया गया, तो हमें दूसरों से पता चला। हमने उससे मिलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हमें मिलने नहीं दिया। यहां तक कि मेरे दूसरे बेटे को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है। वे कह रहे हैं कि मेरा बेटा दिल्ली बम धमाकों में संदिग्ध है। मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। मैं बस यही चाहती हूं कि मेरे दोनों बेटों को रिहा कर दिया जाए।
'हम पूरी तरह से भारतीय, आतंकी होने का आरोप झूठा'नसीमा ने कहा कि हम भारतीय हैं। उनका बेटा भी भारत से प्यार करता है। वह ऐसा नहीं कर सकता है। वहीं मुज़म्मिल के भाई आज़ाद शकील ने आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया जा रहा है कि वह एक बड़ा आतंकवादी है। हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है। पिछले पांच दशकों से, हमारे परिवार का कोई भी सदस्य किसी भी मामले में शामिल नहीं रहा है। शकील ने आगे कहा कि परिवार, जो मुख्यतः किसान है, को अपने राष्ट्रवादी रुख के कारण पहले भी विरोध का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से भारतीय हैं और भारत के लिए पत्थर उठाए हैं। आप गांव में किसी से भी इसकी पुष्टि कर सकते हैं।
रविवार को थी बहन की शादीमुज़म्मिल को एक अच्छा इंसान बताते हुए, शकील ने कहा कि उस पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं, लेकिन हमें अभी तक उससे मिलने नहीं दिया गया है।"उन्होंने बताया कि मुज़म्मिल अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए घर लौटा था, जो पहले रविवार को होने वाली थी, लेकिन अब रद्द कर दी गई है। डॉक्टर अपने पिता की सर्जरी के लिए पहले कश्मीर भी गए थे।
डॉ. मोहम्मद उमर के पिता मानसिक विक्षिप्तडॉक्टर मोहम्मद उमर, जो कथित तौर पर i20 कार चला रहे थे और सोमवार को दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट में मारे गए, पुलवामा के कोइल गांव के थे। पुलिस ने पूछताछ के लिए उनके दो भाइयों और मां को हिरासत में लिया है। जबकि उनके पिता कथित तौर पर मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। उमर ने श्रीनगर के प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) से एमबीबीएस किया था। उन्होंने मेरिट के आधार पर प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्राप्त किया था।
कोइल गांव का रहने वाला है मुजम्मिलपड़ोसियों ने बताया कि हालांकि वह एक मेहनती और अध्ययनशील बच्चा था, लेकिन बचपन से ही उस पर कट्टर इस्लामी प्रभाव गहरा था। डॉ. मुज़म्मिल भी पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला है। इस साजिश में शामिल और गिरफ्तार किया गया तीसरा कश्मीरी डॉक्टर डॉ. आदिल अहमद राठेर है, जिसे इस साल अक्टूबर में श्रीनगर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के समर्थन में पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉ. आदिल के लॉकर से एक एके-47 असॉल्ट राइफल बरामद की गई, जहां आदिल अक्टूबर 2024 तक कार्यरत था।
ऐसे जुड़े तारउच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आदिल से लगातार पूछताछ के कारण ही पूरे आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ। उसके खुलासे के बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस की एक टीम ने हरियाणा के फरीदाबाद में 290 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, असॉल्ट राइफलें, टाइमर डिवाइस और गोला-बारूद बरामद किया। डॉ. आदिल राठेर घाटी के कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके से ताल्लुक रखते हैं। उनके खुलासे के बाद, पुलिस ने लखनऊ से एक अन्य डॉ. शाहीन शाहिद को भी गिरफ्तार किया और उनकी कार से एक असॉल्ट राइफल बरामद की।
आदिल और मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद भी, डॉ. मोहम्मद उमर फरार था। ऐसा माना जाता है कि अपने साथियों की गिरफ़्तारी से उमर पूरी तरह घबरा गया था और उसने घबराहट में लाल किला विस्फोट को अंजाम दिया।
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