जामताड़ाः झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह और खूंटी में नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि एक समय था जब लोग जामताड़ा को पहचानते भी नहीं थे, लेकिन आज उसी जामताड़ा के बच्चे डॉक्टर बनेंगे, वहीं से डॉक्टर पैदा होंगे। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि मेरे लंबे संघर्ष, बड़ी सोच और जनता के विश्वास का परिणाम है। जामताड़ा में मेडिकल कॉलेज बनने से न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि क्षेत्र में रोजगार, व्यवसाय, पर्यटन और शिक्षा के नए अवसर भी पैदा होंगे।
गोड्डा साहेबगंज, सरायकेला और पाकुड़ में भी नए मेडिकल कॉलेज
डॉ. अंसारी ने कहा कि यह पहला चरण है। दूसरे चरण में गोड्डा साहेबगंज, सरायकेला और पाकुड़ जिलों में भी नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। देवघर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को एम्स की उपस्थिति के कारण केंद्र सरकार से एनओसी नहीं मिल पाई है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वे इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। परंतु आने वाले समय में वहां भी नए स्वास्थ्य प्रोजेक्ट्स की घोषणा की जाएगी।
डॉक्टरों की कमी दूर होगी
डॉ. अंसारी ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के खुलने से राज्य के ग्रामीण और छोटे शहरों में डॉक्टरों की भारी कमी दूर होगी, विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और मरीजों को इलाज के लिए अब बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। स्थानीय युवाओं को मेडिकल शिक्षा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणाली दोनों को मजबूती मिलेगी। “जब राज्य के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी एक डॉक्टर को सौंपी गई है, तो बदलाव तो दिखाई देंगे ही।
स्वास्थ्य मंत्री ने हर जिले में सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं जामताड़ा के लोगों ने इस ऐतिहासिक फैसले को झारखंड की जनता के लिए बड़ा तोहफा बताया।
मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि एक समय था जब लोग जामताड़ा को पहचानते भी नहीं थे, लेकिन आज उसी जामताड़ा के बच्चे डॉक्टर बनेंगे, वहीं से डॉक्टर पैदा होंगे। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि मेरे लंबे संघर्ष, बड़ी सोच और जनता के विश्वास का परिणाम है। जामताड़ा में मेडिकल कॉलेज बनने से न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी बल्कि क्षेत्र में रोजगार, व्यवसाय, पर्यटन और शिक्षा के नए अवसर भी पैदा होंगे।
गोड्डा साहेबगंज, सरायकेला और पाकुड़ में भी नए मेडिकल कॉलेज
डॉ. अंसारी ने कहा कि यह पहला चरण है। दूसरे चरण में गोड्डा साहेबगंज, सरायकेला और पाकुड़ जिलों में भी नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। देवघर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को एम्स की उपस्थिति के कारण केंद्र सरकार से एनओसी नहीं मिल पाई है, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि वे इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। परंतु आने वाले समय में वहां भी नए स्वास्थ्य प्रोजेक्ट्स की घोषणा की जाएगी।
डॉक्टरों की कमी दूर होगी
डॉ. अंसारी ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के खुलने से राज्य के ग्रामीण और छोटे शहरों में डॉक्टरों की भारी कमी दूर होगी, विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी और मरीजों को इलाज के लिए अब बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। स्थानीय युवाओं को मेडिकल शिक्षा और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य प्रणाली दोनों को मजबूती मिलेगी। “जब राज्य के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी एक डॉक्टर को सौंपी गई है, तो बदलाव तो दिखाई देंगे ही।
स्वास्थ्य मंत्री ने हर जिले में सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं जामताड़ा के लोगों ने इस ऐतिहासिक फैसले को झारखंड की जनता के लिए बड़ा तोहफा बताया।
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