नई दिल्ली: सोने की कीमत में हाल ही में बड़ा उछाल आया था, लेकिन अब इसकी तेजी पर ब्रेक लग गए हैं। इस हफ्ते इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत में करीब 3% की गिरावट आई है। यह पीली धातु लगातार नौ हफ्तों की बढ़त के बाद इस हफ्ते 4,118.68 डॉलर प्रति औंस पर बंद होने वाली है। यह मई के बाद की सबसे बड़ी गिरावट होगी। शुक्रवार को भी सोने में गिरावट आई।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक सोने की कीमतों में यह गिरावट ज्यादातर तकनीकी कारणों से आई है। इससे पहले, साल की शुरुआत से सोने की कीमत में 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी। भारत में भी स्थानीय बाजारों में अंतरराष्ट्रीय रुझान का असर दिखा। शुक्रवार शाम 6 बजे एमसीएक्स (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना करीब 1.39% की गिरावट के साथ 1,22,385 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 1.66% गिरकर 1,46,051 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई थी।
5 साल में बड़ी गिरावटइस हफ्ते की शुरुआत में सोने की कीमतों में गिरावट और भी ज्यादा देखी गई थी। सोने में 5 साल की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट आई थी, जो 5% से ज्यादा थी। वहीं चांदी में 6% की साप्ताहिक गिरावट आई और यह 48.62 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई, जो मार्च के बाद इसका सबसे खराब साप्ताहिक प्रदर्शन था।
सोने में गिरावट के 3 बड़े कारण 1. शुरू हुई मुनाफावसूली
निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। गोल्ड-बैक्ड ईटीएफ (Gold-backed ETF) में पिछले पांच महीनों में सबसे बड़ी एक-दिवसीय निकासी देखी गई। यह दर्शाता है कि संस्थागत निवेशक लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अपने निवेश को कम कर रहे हैं।
2. डॉलर इंडेक्स का मजबूत होना
डॉलर इंडेक्स लगातार तीन सत्रों से मजबूत हो रहा है। इससे उन लोगों के लिए सोना महंगा हो गया है जो अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करते हैं, जिससे सोने की चमक कम हो गई है। मुद्रा के मूल्यों और कमोडिटी की कीमतों के बीच यह बुनियादी संबंध फिर से महत्वपूर्ण हो गया है। पहले सोने की सुरक्षित निवेश के तौर पर मांग बढ़ने के कारण यह थोड़ा छिप गया था।
3. अमेरिका-चीन ट्रेड डील
अमेरिका-चीन व्यापार समझौते की संभावनाओं को लेकर बढ़ी हुई उम्मीदों ने रक्षात्मक निवेशों (safe-haven investments) की अपील को कम कर दिया है। केसीएम ट्रेड (KCM Trade) के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर (Tim Waterer) ने कहा कि अमेरिका और चीन के नेताओं के बीच एक बैठक से व्यापार तनाव कम होने की अच्छी संभावना है, जो डॉलर को मदद कर रहा है और सोने की सुरक्षित निवेश की मांग को कुछ हद तक कम कर रहा है।
आगे क्या है सोने की कीमत का भविष्यसोने की कीमत अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (US Consumer Price Index) डेटा पर निर्भर करेगी। यह सरकारी शटडाउन के कारण टल गया था। विश्लेषकों को उम्मीद है कि सितंबर के लिए मुख्य मुद्रास्फीति (core inflation) 3.1% पर बनी रहेगी।
वाटरर ने कहा कि सोने के नजरिए से एक सामान्य सीपीआई (CPI) प्रिंट का स्वागत किया जाएगा क्योंकि इससे फेड को साल के अंत तक दो बार ब्याज दरें कम करने के रास्ते पर बने रहने में मदद मिलेगी। लेकिन अगर मुद्रास्फीति में कोई अप्रत्याशित वृद्धि होती है, तो डॉलर और मजबूत हो सकता है, जो सोने के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक सोने की कीमतों में यह गिरावट ज्यादातर तकनीकी कारणों से आई है। इससे पहले, साल की शुरुआत से सोने की कीमत में 50% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी। भारत में भी स्थानीय बाजारों में अंतरराष्ट्रीय रुझान का असर दिखा। शुक्रवार शाम 6 बजे एमसीएक्स (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाला सोना करीब 1.39% की गिरावट के साथ 1,22,385 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 1.66% गिरकर 1,46,051 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई थी।
5 साल में बड़ी गिरावटइस हफ्ते की शुरुआत में सोने की कीमतों में गिरावट और भी ज्यादा देखी गई थी। सोने में 5 साल की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट आई थी, जो 5% से ज्यादा थी। वहीं चांदी में 6% की साप्ताहिक गिरावट आई और यह 48.62 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई, जो मार्च के बाद इसका सबसे खराब साप्ताहिक प्रदर्शन था।
सोने में गिरावट के 3 बड़े कारण 1. शुरू हुई मुनाफावसूली
निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। गोल्ड-बैक्ड ईटीएफ (Gold-backed ETF) में पिछले पांच महीनों में सबसे बड़ी एक-दिवसीय निकासी देखी गई। यह दर्शाता है कि संस्थागत निवेशक लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अपने निवेश को कम कर रहे हैं।
2. डॉलर इंडेक्स का मजबूत होना
डॉलर इंडेक्स लगातार तीन सत्रों से मजबूत हो रहा है। इससे उन लोगों के लिए सोना महंगा हो गया है जो अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करते हैं, जिससे सोने की चमक कम हो गई है। मुद्रा के मूल्यों और कमोडिटी की कीमतों के बीच यह बुनियादी संबंध फिर से महत्वपूर्ण हो गया है। पहले सोने की सुरक्षित निवेश के तौर पर मांग बढ़ने के कारण यह थोड़ा छिप गया था।
3. अमेरिका-चीन ट्रेड डील
अमेरिका-चीन व्यापार समझौते की संभावनाओं को लेकर बढ़ी हुई उम्मीदों ने रक्षात्मक निवेशों (safe-haven investments) की अपील को कम कर दिया है। केसीएम ट्रेड (KCM Trade) के चीफ मार्केट एनालिस्ट टिम वाटरर (Tim Waterer) ने कहा कि अमेरिका और चीन के नेताओं के बीच एक बैठक से व्यापार तनाव कम होने की अच्छी संभावना है, जो डॉलर को मदद कर रहा है और सोने की सुरक्षित निवेश की मांग को कुछ हद तक कम कर रहा है।
आगे क्या है सोने की कीमत का भविष्यसोने की कीमत अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (US Consumer Price Index) डेटा पर निर्भर करेगी। यह सरकारी शटडाउन के कारण टल गया था। विश्लेषकों को उम्मीद है कि सितंबर के लिए मुख्य मुद्रास्फीति (core inflation) 3.1% पर बनी रहेगी।
वाटरर ने कहा कि सोने के नजरिए से एक सामान्य सीपीआई (CPI) प्रिंट का स्वागत किया जाएगा क्योंकि इससे फेड को साल के अंत तक दो बार ब्याज दरें कम करने के रास्ते पर बने रहने में मदद मिलेगी। लेकिन अगर मुद्रास्फीति में कोई अप्रत्याशित वृद्धि होती है, तो डॉलर और मजबूत हो सकता है, जो सोने के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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