बाराबंकी: उत्तर प्रदेश केबाराबंकी में रामनगर थाना क्षेत्र के श्री लोधेश्वर महादेवा में प्रस्तावित कॉरिडोर का कार्य चल रहा है। इसके लिए लिए ध्वस्त किए गए मकानों की खुदाई के दौरान मजदूरों की किस्मत उस समय चमक गई जब खुदाई में उन्हे चांदी के 100 से अधिक सिक्के मिले। ये सिक्के 1882 ईस्वी के बताए जा रहे हैं। सिक्के एक मिट्टी के घड़े में मिले। मजदूरों ने सिक्के छिपाने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने 75 सिक्कों को जब्त कर लिया है।
पुलिस अन्य सिक्के ले जाने वाले लोगों की तलाश कर रही है। पुरातत्व विभाग अब इन सिक्कों की जांच करेगा। दरअसल, महादेवा के जयनारायण गुप्ता व हरिनारायण गुप्ता के मकानों का ध्वस्तीकरण किया गया था। इसी के तहत नीव में लगी ईंटों की खुदाई चल रही थी। इस दौरान मजदूरों को मिट्टी का घड़ा मिला। इस घड़े में चांदी के 100से अधिक सिक्के थे।
मजदूरों ने सिक्के हड़पने की नियति से बटवारा करना शुरू कर दिया। इस बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। जानकारी के बाद मौके पर पहुंची राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम ने सिक्के जब्त कर लिए। पुलिस ने जहां सिक्के मिले, उसके आस-पास के इलाके को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल ने बताया कि मौके से ब्रिटिश शासन काल के 75 सिक्के बरामद किये गए हैं। पुरातत्व विभाग को सूचित कर दिया गया है। विभाग के विशेषज्ञ इन सिक्कों की जांच करेंगे। पहली नजर में ये सिक्के 1882 ईस्वी के आसपास के लग रहे हैं। पुरातत्व विभाग पूरे मामले की जांच करेगा।
पुलिस अन्य सिक्के ले जाने वाले लोगों की तलाश कर रही है। पुरातत्व विभाग अब इन सिक्कों की जांच करेगा। दरअसल, महादेवा के जयनारायण गुप्ता व हरिनारायण गुप्ता के मकानों का ध्वस्तीकरण किया गया था। इसी के तहत नीव में लगी ईंटों की खुदाई चल रही थी। इस दौरान मजदूरों को मिट्टी का घड़ा मिला। इस घड़े में चांदी के 100से अधिक सिक्के थे।
मजदूरों ने सिक्के हड़पने की नियति से बटवारा करना शुरू कर दिया। इस बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। जानकारी के बाद मौके पर पहुंची राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम ने सिक्के जब्त कर लिए। पुलिस ने जहां सिक्के मिले, उसके आस-पास के इलाके को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल ने बताया कि मौके से ब्रिटिश शासन काल के 75 सिक्के बरामद किये गए हैं। पुरातत्व विभाग को सूचित कर दिया गया है। विभाग के विशेषज्ञ इन सिक्कों की जांच करेंगे। पहली नजर में ये सिक्के 1882 ईस्वी के आसपास के लग रहे हैं। पुरातत्व विभाग पूरे मामले की जांच करेगा।
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