नई दिल्ली: यमुना नदी के 22 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच की सफाई के लिए फिनलैंड से अत्याधुनिक ट्रेजिंग मशीन लाने की तैयारी चल रही है। यह मशीन दिसंबर तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है। इसके फंक्शन और आयात प्रक्रिया को समझने के लिए दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह विभागीय इंजीनियरों के साथ फिनलैंड गए हैं।
मंत्री ने बताया कि यह मशीन यमुना में 6 मीटर गहराई तक ड्रेजिंग कर सकती है। पल्ला से लेकर ओखला बैराज तक यमुना की सफाई का विस्तृत प्लान तैयार किया गया है। फिलहाल कुछ मशीनों से नदी की सतह पर तैरते खर पतवार, प्लास्टिक और जलकुंभियों की सफाई की जा रही है।
बनाए जा रहे नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं और कुछ पुराने प्लांट्स को अपग्रेड भी किया गया है, जिससे पहले की तुलना में अब यमुना में अपेक्षाकृत साफ पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि, असली चुनौती नदी की तलहटी की सफाई है, जिसके लिए न तो दिल्ली सरकार और न ही केंद्र सरकार के पास उपयुक्त मशीनें हैं। फिनलैंड की एक कंपनी ने ऐसी ट्रेजिंग मशीन विकसित की है, जो किसी भी नदी में 6 मीटर गहराई तक मिट्टी की सफाई कर सकती है।
ऐसे काम करती है ड्रेजिंग मशीन
मंत्री ने बताया कि एक ड्रेजिग मशीन का ऑर्डर दिया गया है, जो दिसंबर तक दिल्ली पहुंचेगी। सरकार इस मशीन की मदद से वजीराबाद से ओखला बैराज तक नदी की गहराई को एक समान बनाएगी। मशीन नदी की तलहटी में जमी मिट्टी को सक्शन तकनीक से खींचकर पाइप के माध्यम से बाहर लाएगी और लगभग 500 मीटर दूर स्थित सूखे स्थानों पर उसे डाल देगी।
यदि मिट्टी पत्थर जैसी कठोर हो गई हो, तो मशीन उसे टुकड़ों में तोड़कर बाहर निकाल सकती है। एक घंटे में 500 मीटर स्ट्रेच की सफाई के लिए केवल मशीन और एक ड्राइवर ही पर्याप्त होगा। इससे सफाई में मैनपावर की आवश्यकता काफी कम हो जाएगी। मंत्री ने कहा कि यदि मशीन की उपयोगिता साबित होती है, तो ऐसी और मशीनें फिनलैंड से मंगाई जाएंगी। इसके अलावा, इस मशीन का यूज नजफगढ़ ड्रेन के लिए भी किया गया था।
मंत्री ने बताया कि यह मशीन यमुना में 6 मीटर गहराई तक ड्रेजिंग कर सकती है। पल्ला से लेकर ओखला बैराज तक यमुना की सफाई का विस्तृत प्लान तैयार किया गया है। फिलहाल कुछ मशीनों से नदी की सतह पर तैरते खर पतवार, प्लास्टिक और जलकुंभियों की सफाई की जा रही है।
बनाए जा रहे नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं और कुछ पुराने प्लांट्स को अपग्रेड भी किया गया है, जिससे पहले की तुलना में अब यमुना में अपेक्षाकृत साफ पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि, असली चुनौती नदी की तलहटी की सफाई है, जिसके लिए न तो दिल्ली सरकार और न ही केंद्र सरकार के पास उपयुक्त मशीनें हैं। फिनलैंड की एक कंपनी ने ऐसी ट्रेजिंग मशीन विकसित की है, जो किसी भी नदी में 6 मीटर गहराई तक मिट्टी की सफाई कर सकती है।
ऐसे काम करती है ड्रेजिंग मशीन
मंत्री ने बताया कि एक ड्रेजिग मशीन का ऑर्डर दिया गया है, जो दिसंबर तक दिल्ली पहुंचेगी। सरकार इस मशीन की मदद से वजीराबाद से ओखला बैराज तक नदी की गहराई को एक समान बनाएगी। मशीन नदी की तलहटी में जमी मिट्टी को सक्शन तकनीक से खींचकर पाइप के माध्यम से बाहर लाएगी और लगभग 500 मीटर दूर स्थित सूखे स्थानों पर उसे डाल देगी।
यदि मिट्टी पत्थर जैसी कठोर हो गई हो, तो मशीन उसे टुकड़ों में तोड़कर बाहर निकाल सकती है। एक घंटे में 500 मीटर स्ट्रेच की सफाई के लिए केवल मशीन और एक ड्राइवर ही पर्याप्त होगा। इससे सफाई में मैनपावर की आवश्यकता काफी कम हो जाएगी। मंत्री ने कहा कि यदि मशीन की उपयोगिता साबित होती है, तो ऐसी और मशीनें फिनलैंड से मंगाई जाएंगी। इसके अलावा, इस मशीन का यूज नजफगढ़ ड्रेन के लिए भी किया गया था।
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