इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल ही में सैन्य संघर्ष देखने को मिला था। इसकी एक बड़ी वजह तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) गुट पर पाकिस्तान की कार्रवाई बनी। पाकिस्तान ने टीटीपी पर काबू को लेकर कई तरह के दावे किए हैं लेकिन ये गुट अभी भी अपनी ताकत बनाए रखे हुए है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां प्रांत की राजधानी पेशावर में ना सिर्फ टीटीपी के लोग खुलकर घूम रहे हैं बल्कि सड़कों पर चेकपोस्ट भी बना लिए हैं। इसने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है।
पेशावर के पास से ऐसे कथित वीडियो सामने आए हैं, जिसमें टीटीपी लड़ाके सड़कों पर चौकियां बना रहे हैं। इससे पता चलता है कि इस इलाके में पाकिस्तान की सरकार और सेना का पूर्ण नियंत्रण नहीं है। पेशावर के आसपास के इलाकों में ना पाकिस्तानी सेना दिख रही है और ना ही पुलिस। यहां टीटीपी के लड़ाके ही सब कंट्रोल कर रहे हैं।
दोहा समझौते पर सवालपेशावर में टीटीपी के कब्जे के वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुए हालिया समझौते पर भी सवाल उठे हैं। अहमद शरीफजाद ने एक्स पर लिखा, 'टीटीपी ने पेशावर की मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया। इसका मतलब है कि तालिबान ने अपना वादा तोड़ दिया है।'
अहमद ने पाक सरकार से सवाल किया कि तालिबान के समर्थन से टीटीपी खुलेआम अपना काम कर रहा है। टीटीपी अगर बिना डर के केपीके में चौकियां स्थापित कर रहा है तो फिर ख्वाजा आसिफ को बताना चाहिए कि पाकिस्तान ने दोहा में तालिबान के साथ किया था।
पाक के सामने टीटीपी की चुनौतीपाकिस्तान के सामने टीटीपी लगातार चुनौती बनी हुई है। पाकिस्तान का मानना है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को अफगान तालिबान पनाह दे रहा है। काबुल इसे नकारता रहा है लेकिन ये दोनों देशों में तनाव की वजह है। पाकिस्तान के केपीके और बलूचिस्तान में टीटीपी ने लगातार पाक सेना और सुरक्षाबलों पर हमले किए हैं।
टीटीपी के संबंध में पाकिस्तान की मुख्य चुनौती खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत में है। पाकिस्तान का कहना है कि 2021 से यहां हिंसा में वृद्धि हुई है, जब अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज हुआ था। यह पाकिस्तान के उस धारणा के विपरीत हैं, जिसमें उसे लगता था कि अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद उग्रवाद कम हो जाएगा।
पेशावर के पास से ऐसे कथित वीडियो सामने आए हैं, जिसमें टीटीपी लड़ाके सड़कों पर चौकियां बना रहे हैं। इससे पता चलता है कि इस इलाके में पाकिस्तान की सरकार और सेना का पूर्ण नियंत्रण नहीं है। पेशावर के आसपास के इलाकों में ना पाकिस्तानी सेना दिख रही है और ना ही पुलिस। यहां टीटीपी के लड़ाके ही सब कंट्रोल कर रहे हैं।
Peshawar – deep inside Pakistan’s own territory . 📍
— Najib Farhodi (@Najib_Farhodi) October 23, 2025
Where #TTP fighters now set up checkpoints on public roads.
These scenes show that #Pakistan’s military regime no longer has full control over its own cities.
A regime that claims to possess nuclear weapons, yet fails to… pic.twitter.com/ms1r12WTtY
दोहा समझौते पर सवालपेशावर में टीटीपी के कब्जे के वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुए हालिया समझौते पर भी सवाल उठे हैं। अहमद शरीफजाद ने एक्स पर लिखा, 'टीटीपी ने पेशावर की मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया। इसका मतलब है कि तालिबान ने अपना वादा तोड़ दिया है।'
अहमद ने पाक सरकार से सवाल किया कि तालिबान के समर्थन से टीटीपी खुलेआम अपना काम कर रहा है। टीटीपी अगर बिना डर के केपीके में चौकियां स्थापित कर रहा है तो फिर ख्वाजा आसिफ को बताना चाहिए कि पाकिस्तान ने दोहा में तालिबान के साथ किया था।
पाक के सामने टीटीपी की चुनौतीपाकिस्तान के सामने टीटीपी लगातार चुनौती बनी हुई है। पाकिस्तान का मानना है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को अफगान तालिबान पनाह दे रहा है। काबुल इसे नकारता रहा है लेकिन ये दोनों देशों में तनाव की वजह है। पाकिस्तान के केपीके और बलूचिस्तान में टीटीपी ने लगातार पाक सेना और सुरक्षाबलों पर हमले किए हैं।
टीटीपी के संबंध में पाकिस्तान की मुख्य चुनौती खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत में है। पाकिस्तान का कहना है कि 2021 से यहां हिंसा में वृद्धि हुई है, जब अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज हुआ था। यह पाकिस्तान के उस धारणा के विपरीत हैं, जिसमें उसे लगता था कि अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद उग्रवाद कम हो जाएगा।
You may also like
पिता बिशन सिंह बेदी की पुण्यतिथि पर भावुक हुए अंगद बेदी, कहा, “जब तक हम फिर न मिलें”
क्या खड़ी कार में पी सकते हैं शराब पीने वालों को` पता होना चाहिए ये नियम
थम्मा फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर किया शानदार प्रदर्शन, तीन दिन में कमाए 51 करोड़
'प्रबल इंजन सरकार'... लखनऊ की सड़कों पर लगा पोस्टर, PDA का नया अर्थ, BJP के डबल इंजन को सीधी चुनौती
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से संजय सेठ ने की मुलाकात