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चिकेन नेक के पास एयरबेस... भारत के खिलाफ मोहम्मद यूनुस की नापाक चाल, बांग्लादेश की सेना तोड़ रही अपना वादा

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ढाका: मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश भारत के खिलाफ अपनी नापाक चाल से बाज नहीं आ रहा है। बांग्लादेश अब भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास मौजूद लालमोनिरहाट हवाई क्षेत्र का उपयोग सैन्य उद्देश्य के लिए करने की योजना बना रहा है, लेकिन ऐसा करके वह अपने ही वादा तोड़ रहा है। बांग्लादेश की सेना के तत्कालीन ब्रिगेडियर जनरल नाजिम-उद-दौला ने 26 मई 2025 को एक प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में इस हवाई अड्डे का उद्येश्य सैन्य उद्देश्यों के लिए न करने की प्रतिबद्धता जताई थी।

ब्रिगेडियर नाजिम-उद-दौला को बीती 1 सितम्बर को मेजर जनरल के पद पर प्रमोट किया गया था और तब से वे 33वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) और कोमिला के एरिया कमांडर के रूप में तैनात हैं। 8 अगस्त को भारतीय संसद में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने साफ कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट एयरबेस से जुड़ी रिपोर्टों पर ध्यान दिया है।

बांग्लादेश की सेना तोड़ रही वादा
सिंह ने आगे कहा था कि उन्होंने बांग्लादेश की सेना के सैन्य संचालन निदेशक की 26 मई 2025 को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी ध्यान दिया है, जिसमें कहा गया है कि लालमोनिरहाट एयरफील्ड की सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की कोई योजना नहीं है। हालांकि, हालिया रिपोर्टों से पता चलता है कि बांग्लादेश के रक्षा बल अपना ही वादा तोड़ रहे हैं और एयरबेस का सैन्य इस्तेमाल की तैयारी शुरू हो गई है, जो भारत के बॉर्डर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है।


एयरबेस पर बन रहा हैंगर
हाल ही में 19 अक्टूबर को नॉर्थ ईस्ट न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में लालमोनिरहाट एयरबेस पर एक विशाल हैंगर के निर्माण की जानकारी दी थी। नॉर्थ ईस्ट न्यूज ने इसके बाद एक अलग रिपोर्ट में बताया था कि बांग्लादेशी सशस्त्र बल लालमोनिरहाट एयरबेस पर वायु रक्षा प्रणाली के हिस्से के रूप में एक नई रेडार इकाई स्थापित करने की भी योजना है। इसमें ढाका स्थित सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि लालमोनिरहाट एयरबेस भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास मिसाइल लॉन्च साइट के रूप में काम कर सकता है।

ड्रोन सेना के लिए बेस बनाने की योजना
इस बीच ऐसी खबरें हैं कि बांग्लादेश के इस एयरबेस को तुर्की और चीन से खरीदे गए सैन्य ग्रेड ड्रोन के लिए बेस के रूप में इस्तेमाल करने की बड़ी योजना है। अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि भारत ने लालमोनिरहाट एयरबेस को अपग्रेड करने के बांग्लादेश के एकतरफा कदम का आधिकारिक विरोध किया है या नहीं। लेकिन इसी 16 अक्टूबर को भारतीय सैन्य खुफिया अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम बांग्लादेशी सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के साथ लालमोनिरहाट और पास के ठाकुरगांव एयरफील्ड गई थी।

भारतीय टीम के दौरे के बावजूद लालमोनिरहाट पर हैंगर का काम जारी रहा। नॉर्थ ईस्ट न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में हैंगर की संरचना की तस्वीरें भी प्रकाशित की थीं और बताया कि छत और बे वाल्स बिछा दी गई हैं। इसके सात नए रेडार सिस्टम के लिए उपकरण भी एयरबेस के अंदर पहुंचा दिए गए हैं। इसमें एक चौड़े आकार का एंटीना भी शामिल है।
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