वॉशिंगटन: अमेरिका के डिफेंस एक्सपर्ट जॉन स्पेंसर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए लिखा है कि भारत के एक विमान गिरने पर विदेशी मीडिया में अभी तक रिपोर्टिंग हो रही है। जबकि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस, सर्विलांस एयरक्राफ्ट, रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया, उसपर कोई बात नहीं हो रही है। उन्होंने लिखा है कि "भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले युद्ध का एक बड़ा सबक यह है कि कैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने एक घटना को एक बड़ी खबर बनाने की कोशिश की। एक विमान के गिराए जाने की पुष्टि हुई, जबकि पाकिस्तान के जमीनी ठिकानों पर भारत का पूर्ण प्रभुत्व था।" उन्होंने लिखा है कि जब भारतीय वायुसेना पाकिस्तान के एयरबेस पर मिसाइलें बरसा रहीं थी तो पाकिस्तान बेबस बना हुआ था। पाकिस्तान के आकाश पर पूरी तरह से भारतीय वायुसेना ने कंट्रोल हासिल कर लिया था।
आपको बता दें कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भारत और पाकिस्तानी वायुसेना के अधिकारियों के हवाले से भारत के एक राफेल लड़ाकू विमान के गिराए जाने की पुष्टि की है। रॉयटर्स ने कहा कि भारत को चीनी पीएल-15 मिसाइल की रेंज के बारे में गलत खुफिया जानकारी थी। भारत को लग रहा था पीएल-15 मिसाइल की मैक्सिमम रेंज 145 किलोमीटर है, जबकि चीन ने पाकिस्तान को जो पीएल-15 दी थी, उसकी रेंज 200 किलोमीटर थी। पाकिस्तानी अधिकारी ने दावा किया है कि भारतीय विमान को 200 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया, जबकि भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने 200 किलोमीटर से ज्यादा से मिसाइल चलाने की बात मानी है।
सिर्फ भारतीय विमान के गिरने की बात क्यों?
जॉन स्पेंसर ने आलोचना करते हुए कहा है कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में सिर्फ इस बात को प्रमुखता दी गई है कि पाकिस्तानी J-10सी लड़ाकू विमान ने भारत के एक राफेल को मार गिराया, जिसे भारतीय पक्ष ने स्वीकारा भी है, लेकिन इस एक घटना को पूरे संघर्ष की "मुख्य कहानी" बनाना एकतरफा नैरेटिव को दर्शाता है। जॉन स्पेंसर ने कहा है कि भारतीय वायुसेना ने संघर्ष की पहले ही रात यानी 7 मई की रात को पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण शिविरों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद 9-10 मई को भारतीय विमानों ने 12 से ज्यादा एयरबेस पर सटीक हमले किए। जिनमें पाकिस्तान के 11 एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम, रडार केंद्र और निगरानी एयरक्राफ्ट शामिल थे। भारत ने पाकिस्तान के 75 प्रतिशत एयरडिफेंस और सर्विलांस क्षमता को सिर्फ 23 मिनट की लड़ाई में खत्म कर दिया था। भारत के हमलों ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से अपंग कर दिया था, जिससे साफ होता है कि भारत ने कैसे पाकिस्तान को पूरी तरह से लड़ाई में धकेल दिया था।
आपको बता दें कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भारत और पाकिस्तानी वायुसेना के अधिकारियों के हवाले से भारत के एक राफेल लड़ाकू विमान के गिराए जाने की पुष्टि की है। रॉयटर्स ने कहा कि भारत को चीनी पीएल-15 मिसाइल की रेंज के बारे में गलत खुफिया जानकारी थी। भारत को लग रहा था पीएल-15 मिसाइल की मैक्सिमम रेंज 145 किलोमीटर है, जबकि चीन ने पाकिस्तान को जो पीएल-15 दी थी, उसकी रेंज 200 किलोमीटर थी। पाकिस्तानी अधिकारी ने दावा किया है कि भारतीय विमान को 200 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया, जबकि भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने 200 किलोमीटर से ज्यादा से मिसाइल चलाने की बात मानी है।
सिर्फ भारतीय विमान के गिरने की बात क्यों?
जॉन स्पेंसर ने आलोचना करते हुए कहा है कि समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में सिर्फ इस बात को प्रमुखता दी गई है कि पाकिस्तानी J-10सी लड़ाकू विमान ने भारत के एक राफेल को मार गिराया, जिसे भारतीय पक्ष ने स्वीकारा भी है, लेकिन इस एक घटना को पूरे संघर्ष की "मुख्य कहानी" बनाना एकतरफा नैरेटिव को दर्शाता है। जॉन स्पेंसर ने कहा है कि भारतीय वायुसेना ने संघर्ष की पहले ही रात यानी 7 मई की रात को पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण शिविरों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद 9-10 मई को भारतीय विमानों ने 12 से ज्यादा एयरबेस पर सटीक हमले किए। जिनमें पाकिस्तान के 11 एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम, रडार केंद्र और निगरानी एयरक्राफ्ट शामिल थे। भारत ने पाकिस्तान के 75 प्रतिशत एयरडिफेंस और सर्विलांस क्षमता को सिर्फ 23 मिनट की लड़ाई में खत्म कर दिया था। भारत के हमलों ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से अपंग कर दिया था, जिससे साफ होता है कि भारत ने कैसे पाकिस्तान को पूरी तरह से लड़ाई में धकेल दिया था।
जॉन स्पेंसर का कहना है कि भारत की एकतरफा जीत के बावजूद कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने पाकिस्तान की तरफ से सिर्फ एक विमान को गिराने की घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जबकि भारत की रणनीतिक जीत—जिसमें आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई और पाकिस्तान की हवाई संरचना को पंगु बनाना शामिल है, उसे कम कवरेज दी गई। इससे साफ दिखता है कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का एक हिस्सा अभी भी पुराने जियो-पॉलिटिकल चश्मे से भारत-पाक टकराव को देखता है, जहां भारत की सैन्य कार्रवाई को 'आक्रामक' और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को 'रक्षात्मक' दिखाया जाता है। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा है कि दुनिया को ये समझना चाहिए कि भारत की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, ना की पाकिस्तान के खिलाफ।One of the major lessons of the 4-day war between India-Pakistan is how the international media took one event and tried to turn it into THE story. A plane confirmed downed versus complete domination of India in the ability to hit Pakistan ground targets. https://t.co/5hEWtP9NHA…
— John Spencer (@SpencerGuard) August 2, 2025
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