रियाद: अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से गाजा में युद्धविराम के लिए पेश किए गए नए प्लान को दुनिया के कई बड़े मुस्लिम देशों ने सराहा है। आठ अरब और मुस्लिम बहुल देशों ने अपने बयान में कहा है कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका और गाजा में युद्ध समाप्त करने के उनके ईमानदार प्रयासों का स्वागत करते है। इन देशों में सऊदी अरब और पाकिस्तान शामिल है। ट्रंप की योजना पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहमत हो गए हैं। हालांकि अभी तक फिलिस्तीनी गुट हमास ने इस पर अपनी स्वीकृति नहीं दी है।
ट्रंप की योजना के समर्थन में आठ मुस्लिम बहुल देशों ने बयान जारी किया है। संयुक्त बयान में इन देशों ने कहा है कि वे समझौते को अंतिम रूप देने और उसे जमीन पर उतारने के लिए अमेरिका और संबंधित पक्षों के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ने की पुष्टि करते हैं। बयान पर हस्ताक्षर करने वाले देशों मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), तुर्की, कतर, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और पाकिस्तान हैं।
हमास भी करेगा स्वीकार! मुस्लिम देशों का यह बयान कई लिहाज से महत्वपूर्ण है। कतर ने लगातार इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता की है। वहीं अमेरिका की सऊदी अरब की इजरायल के साथ सामान्यीकरण की कोशिश रही है। इंडोनेशिया ने भविष्य में गाजा बल के लिए सेना भेजने का प्रस्ताव रखा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने युद्ध समाप्त करने में ट्रंप की भूमिका को सराहा है।
ट्रंप की इस इस पेशकश को हमास मानेगा कि नहीं, यह सवाल अभी बना हुआ है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वो गाजा में शांति की नई योजना पर राजी हो गए हैं। उन्होंने हमास से इस योजना को स्वीकर करने को कहा है। मुस्लिम देश भी हमास पर इसके लिए दबाव बना सकते हैं।
क्या है ट्रंप की योजनाडोनाल्ड ट्रंप के इस प्लान में गाजा में तुरंत जंग रोकने का प्रस्ताव है। इसके तहत हमास को 72 घंटे के अंदर 20 जीवित इजरायली बंधकों को रिहा करना है। साथ ही 20 बंधकों के शवों को वापस करना है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गाजा के शासन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी। योजना में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्षों के इस प्रस्ताव पर सहमत होते ही गाजा पट्टी में सहायता भेजी जाएगी।
ट्रंप ने इस योजना को शांति के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है। साथ ही कहा है कि अगर हमास इस योजना को स्वीकार नहीं करता है तो अमेरिका नेतन्याहू के साथ खड़ा होगा। नेतन्याहू ने भी धमकी देते हुए कहा है कि अगर हमास इस योजना ठुकराता है तो फिर इजरायल अंजाम को अंत तक लेकर जाएगा और हमले बढ़ाएगा।
ट्रंप की योजना के समर्थन में आठ मुस्लिम बहुल देशों ने बयान जारी किया है। संयुक्त बयान में इन देशों ने कहा है कि वे समझौते को अंतिम रूप देने और उसे जमीन पर उतारने के लिए अमेरिका और संबंधित पक्षों के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ने की पुष्टि करते हैं। बयान पर हस्ताक्षर करने वाले देशों मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), तुर्की, कतर, सऊदी अरब, इंडोनेशिया और पाकिस्तान हैं।
हमास भी करेगा स्वीकार! मुस्लिम देशों का यह बयान कई लिहाज से महत्वपूर्ण है। कतर ने लगातार इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता की है। वहीं अमेरिका की सऊदी अरब की इजरायल के साथ सामान्यीकरण की कोशिश रही है। इंडोनेशिया ने भविष्य में गाजा बल के लिए सेना भेजने का प्रस्ताव रखा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने युद्ध समाप्त करने में ट्रंप की भूमिका को सराहा है।
ट्रंप की इस इस पेशकश को हमास मानेगा कि नहीं, यह सवाल अभी बना हुआ है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वो गाजा में शांति की नई योजना पर राजी हो गए हैं। उन्होंने हमास से इस योजना को स्वीकर करने को कहा है। मुस्लिम देश भी हमास पर इसके लिए दबाव बना सकते हैं।
Joint Statement by the Foreign Ministers of Saudi Arabia, Jordan, UAE, Indonesia, Pakistan, Türkiye, Qatar, and Egypt. pic.twitter.com/XDqgHxNkGd
— Foreign Ministry 🇸🇦 (@KSAmofaEN) September 29, 2025
क्या है ट्रंप की योजनाडोनाल्ड ट्रंप के इस प्लान में गाजा में तुरंत जंग रोकने का प्रस्ताव है। इसके तहत हमास को 72 घंटे के अंदर 20 जीवित इजरायली बंधकों को रिहा करना है। साथ ही 20 बंधकों के शवों को वापस करना है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गाजा के शासन में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी। योजना में यह भी कहा गया है कि दोनों पक्षों के इस प्रस्ताव पर सहमत होते ही गाजा पट्टी में सहायता भेजी जाएगी।
ट्रंप ने इस योजना को शांति के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया है। साथ ही कहा है कि अगर हमास इस योजना को स्वीकार नहीं करता है तो अमेरिका नेतन्याहू के साथ खड़ा होगा। नेतन्याहू ने भी धमकी देते हुए कहा है कि अगर हमास इस योजना ठुकराता है तो फिर इजरायल अंजाम को अंत तक लेकर जाएगा और हमले बढ़ाएगा।
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