बिहार में विधानसभा चुनाव2025को लेकर बिसात बिछनी शुरू हो गई है और सबसे बड़ी खबर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)के खेमे से आ रही है। लंबे समय से चल रही अटकलों और बैठकों के दौर के बाद,आखिरकार एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा फाइनल हो गया है। इस बार बीजेपी और जेडीयू ने'बड़े-छोटे भाई'वाली बहस को खत्म करते हुए बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।क्या है सीट शेयरिंग का नया फॉर्मूला?बिहार विधानसभा की कुल243सीटों के लिए जो फॉर्मूला तय हुआ है,वो कुछ इस प्रकार है:बीजेपी (BJP): 101सीटों पर चुनाव लड़ेगी।जेडीयू (JDU): 101सीटों पर चुनाव लड़ेगी।लोजपा (रामविलास) - चिराग पासवान: 23सीटें।हम (HAM) -जीतन राम मांझी: 13सीटें।रालोमो (RLM) -उपेंद्र कुशवाहा: 5सीटें।इस बार कोई'बड़ा भाई'नहींलोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी'बड़े भाई'की भूमिका में रहना चाहेगी। लेकिन गठबंधन की एकता को बनाए रखने के लिए दोनों ही प्रमुख दलों ने101-101सीटों पर लड़ने का फैसला कर एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है। यह फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए भी एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।चिराग और मांझी को भी मिला सम्मानइस बंटवारे में चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भी साधने की पूरी कोशिश की गई है। चिराग पासवान की पार्टी को23सीटें मिलना यह दिखाता है कि एनडीए में उनका कद बढ़ा है। वहीं,जीतन राम मांझी की पार्टी'हम'को13सीटें दी गई हैं,जबकि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के हिस्से में5सीटें आई हैं।इस सीट बंटवारे की घोषणा के साथ ही एनडीए ने साफ कर दिया है कि वह एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बंटवारे के बाद विपक्ष का महागठबंधन क्या रणनीति अपनाता है।
You may also like
AIFF का बड़ा फैसला, 2 विवादास्पद अनुच्छेदों को छोड़कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूर संविधान को अपनाया
बाढ़ के पानी में खेलना मासूम को पड़ा` महंगा होने लगी उल्टियाँ कोमा में जा पहुंचा
स्वदेशी मौसम प्रणालियों से 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा: डॉ. जितेंद्र सिंह
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर एनसीबी की कार्रवाई, 50 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त
हरियाणा में अधिकारी को इंसाफ नहीं मिल रहा, तो आम आदमी का क्या होगा : अशोक अरोड़ा