News India Live, Digital Desk: हम में से ज्यादातर लोगों के पास दो गुर्दे (Kidneys) होते हैं, लेकिन कई बार किडनी डोनेट करने या बीमारी की वजह से लोगों को एक किडनी पर ही जिंदगी गुजारनी पड़ती है. ऐसे में सवाल उठता है कि सिर्फ एक किडनी पर एक व्यक्ति कितने दिन तक जीवित रह सकता है, और उसे किन-किन स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है? यह एक गंभीर विषय है जिसके बारे में जानकारी होना बेहद ज़रूरी है.क्या सिर्फ एक किडनी पर जीना संभव है?जी हाँ, बिलकुल संभव है. लाखों लोग दुनिया भर में सिर्फ एक किडनी पर एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जीते हैं. अगर एक किडनी स्वस्थ हो और ठीक से काम कर रही हो, तो वह अकेले ही दोनों किडनियों का काम काफी हद तक संभाल सकती है. इसका मतलब यह नहीं कि कोई फर्क नहीं पड़ता, कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी हो जाता है.एक किडनी पर जीवन काल और संभावित समस्याएँ:आमतौर पर, अगर बाकी शरीर स्वस्थ है और कोई अन्य गंभीर बीमारी नहीं है, तो एक किडनी वाला व्यक्ति सामान्य जीवनकाल तक जीवित रह सकता है. लेकिन, कुछ सावधानियाँ और जीवनशैली में बदलाव बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. उन्हें कुछ संभावित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:किडनी पर बढ़ा हुआ कार्यभार (Increased Workload on Kidney):जब एक किडनी काम कर रही होती है, तो उसे शरीर की सभी ज़रूरतें पूरी करनी पड़ती हैं. इस बढ़े हुए कार्यभार से किडनी पर तनाव बढ़ सकता है, जिससे लंबे समय में उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है.संभावित परिणाम: समय के साथ हाई ब्लड प्रेशर या प्रोटीनूरिया (मूत्र में प्रोटीन आना) जैसी समस्याएँ विकसित हो सकती हैं.हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure):एक किडनी होने से रक्तचाप (Blood Pressure) को नियंत्रित करने में शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. उच्च रक्तचाप से किडनी को और भी नुकसान पहुँच सकता है.सावधानी: रक्तचाप को नियमित रूप से मॉनिटर करना और इसे सामान्य स्तर पर रखना बहुत ज़रूरी है.प्रोटीन्यूरिया (Proteinuria - मूत्र में प्रोटीन):यह स्थिति तब होती है जब किडनी की फ़िल्टरिंग क्षमता प्रभावित होती है और प्रोटीन मूत्र के साथ बाहर निकलने लगता है. यह किडनी को होने वाले संभावित नुकसान का एक प्रारंभिक संकेत हो सकता है.सावधानी: नियमित मूत्र परीक्षण करवाते रहना चाहिए.किडनी को चोट का अधिक खतरा (Increased Risk of Kidney Injury):सिर्फ एक किडनी होने से उस किडनी को चोट लगने का जोखिम ज़्यादा हो जाता है, क्योंकि आपके पास दूसरा विकल्प नहीं होता.सावधानी: स्पोर्ट्स खेलते समय या ऐसी गतिविधियाँ करते समय सावधान रहें जहाँ चोट लगने का खतरा हो. पानी खूब पीएं और स्वस्थ आहार लें.जीवनशैली और आहार में बदलाव (Lifestyle & Dietary Changes):स्वस्थ आहार: नमक और प्रोसेस्ड फूड का सेवन सीमित करें. ताज़े फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज ज्यादा खाएं.पानी का सेवन: पर्याप्त पानी पिएं ताकि किडनी को अपना काम करने में मदद मिल सके.नियमित जाँच: हर साल अपनी किडनी की कार्यक्षमता (जैसे क्रिएटिनिन, GFR) की नियमित जाँच करवाना बेहद ज़रूरी है.डॉक्टर से सलाह: अपनी दवाओं और स्वास्थ्य स्थितियों को लेकर हमेशा डॉक्टर के संपर्क में रहें.निष्कर्ष रूप में, एक किडनी पर भी व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है, बशर्ते वह अपनी जीवनशैली का ध्यान रखे, स्वस्थ आहार ले और नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह मानता रहे. सतर्कता और सही देखभाल ही इस स्थिति में बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है.
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