Savarkar Defamation Case: विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई है।
उच्च न्यायालय ने राहत देने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की टिप्पणी को ‘गैरजिम्मेदाराना’ बताया। न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर भी रोक लगा दी जिसमें सावरकर के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को जारी समन को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।
अगर आप ऐसी टिप्पणियां जारी रखेंगे तो आपको परिणाम भुगतने होंगे: सुप्रीम कोर्ट
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘उन्होंने हमें आजादी दी और आप उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं।’ न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने कांग्रेस नेता को सावरकर के खिलाफ कोई और अपमानजनक टिप्पणी नहीं करने की चेतावनी देते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र में उनकी पूजा की जाती है।’ महात्मा गांधी स्वयं सावरकर का सम्मान करते थे तथा जब उनकी दादी इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, तब उन्होंने एक पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि आप स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को समझे बिना ऐसा बयान नहीं दे सकते। यदि आप ऐसी टिप्पणियां जारी रखेंगे तो आपको परिणाम भुगतने होंगे।’
पूरा मामला क्या है?
लखनऊ के वकील नृपेंद्र पांडे ने राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) और 505 के तहत मामला दर्ज कराया, जिसमें आरोप लगाया गया कि 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने वीर सावरकर को अंग्रेजों का नौकर और पेंशनभोगी कहा था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को पहले से तैयार पर्चे भी दिए गए। इससे पता चलता है कि राहुल गांधी ने समाज में नफरत फैलाने की नीयत से पूरी तैयारी के साथ वह विवादित बयान दिया था।
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