ट्रम्प आव्रजन नीति: शुक्रवार को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया, जिससे ट्रम्प प्रशासन को अमेरिका में रह रहे लाखों अप्रवासियों की अस्थायी कानूनी स्थिति को समाप्त करने की अनुमति मिल गई। ये आप्रवासी वेनेजुएला, क्यूबा, हैती और निकारागुआ जैसे देशों से हैं। इस निर्णय से निर्वासन प्रक्रिया में तेजी आ सकती है और ट्रम्प की सख्त आव्रजन नीति को मजबूती मिल सकती है।
बिडेन सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की।
वर्ष 2022-23 में सीमा पार से बढ़ती घुसपैठ के मद्देनजर बाइडेन सरकार द्वारा इन देशों के लोगों के लिए पैरोल कार्यक्रम शुरू किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत कुछ शर्तें पूरी करके दो साल तक अमेरिका में काम करने और रहने की अनुमति दी गई। इस कार्यक्रम से लगभग 5.3 लाख लोगों को निर्वासन से राहत मिली। इससे पहले एक संघीय अदालत ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उस रोक को हटा दिया है।
कार्यक्रम समाप्ति आदेश
लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में इस कार्यक्रम को समाप्त करने का आदेश दिया। उन्होंने होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोम को वेतन योजना समाप्त करने का आदेश दिया। इसके बाद मार्च में नोम ने घोषणा की कि 24 अप्रैल से यह योजना पूरी तरह बंद कर दी जाएगी।
निचली अदालत का आदेश रद्द
इस निर्णय को पहले मैसाचुसेट्स की एक अदालत ने रोक दिया था, जहां 23 लोगों के एक समूह ने इसका विरोध किया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को पलट दिया है। इसका मतलब यह है कि अब ट्रंप सरकार के फैसले को लागू किया जा सकेगा और हजारों अप्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालने का रास्ता साफ हो गया है।
You may also like
बाबूलाल गौर और कैलाश नारायण सारंग काे जयंती पर मुख्यमंत्री ने किया नमन
यूक्रेन का ख़ुफ़िया ड्रोन हमला 'ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब' रूस और अमेरिका को क्या संदेश देता है?
नशे पर कड़ा प्रहार! राजस्थान के इस जिले में नष्ट किए करोड़ों रूपए के मादक पदार्थ, 8 थानों में 45 केस में डोडा, पोस्त, स्मैक और ड्रग्स जब्त
रामपुर जिले का गाँव जिसका नाम देता है 'शर्मिंदगी', स्थानीय लोगों की है बदलने की मांग
IPL 2025: पंजाब ने मुंबई को 5 विकेट से दी मात, फाइनल में 3 जून को RCB से होगा मुकाबला