ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ लगातार कदम उठा रही है। इसी कड़ी में अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को बैनकर दिया है। आतंकवाद विरोधी कानून के तहत शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को बैन किया गया है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता में शनिवार को कैबिनेट की बैठक में शेख हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध का फैसला किया गया। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से ही शेख हसीना पर तमाम मुकदमे लगाए गए हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग भी भारत से की है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस।शेख हसीना पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। शेख हसीना पर अपने विरोधियों की हत्या और लोगों को अगवा कर उनको गुम करने के केस भी हैं। वहीं, शेख हसीना भी खुद पर लगे आरोपों के बाद भी मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़तीं। बीते दिनों शेख हसीना ने अपनी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित किया था। तब भी उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार को निशाने पर लिया था। शेख हसीना ने ये भी आरोप लगाया था कि बांग्लादेश में उनकी हत्या की साजिश रची गई, लेकिन ईश्वर के आशीर्वाद से वो बच गईं। शेख हसीना ने लगातार ये दावा भी किया है कि एक दिन वो बांग्लादेश लौटेंगी।
शेख हसीना की सरकार का पतन अगस्त 2024 में हो गया था। आरक्षण के खिलाफ छात्रों के लंबे आंदोलन के दौरान बांग्लादेश में अव्यवस्था फैल गई थी। शेख हसीना ने पीएम रहते इस आंदोलन पर लगाम कसने की कोशिश की थी, लेकिन जब 5 अगस्त 2024 को भीड़ ने पीएम आवास पर धावा बोला, तो शेख हसीना को बांग्लादेश की सेना ने देश छोड़कर जाने के लिए कहा। जिसके बाद शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना बांग्लादेश की सेना के हेलीकॉप्टर में बैठकर भारत आ गईं। तभी से शेख हसीना भारत में ही शरण लिए हुई हैं। बता दें कि शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे शेख मुजीबुर्रहमान और उनके तमाम परिजनों की भी हत्या हुई थी। उस वक्त शेख हसीना और उनकी बहन विदेश में थीं और इस वजह से दोनों की जान बच सकी थी।
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