हनुमान चालीसा का पाठ बहुत से लोग करते हैं। कुछ लोगों को यह समस्या हो सकती है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा है और न ही उनकी समस्याओं का समाधान हो रहा है, तो आप जरूर कोई गलती कर रहे हैं जिसकी वजह से हनुमानजी आप पर ध्यान नहीं दे रहे हैं या उनकी कृपा आप पर नहीं हो रही है। आइए जानते हैं इसका क्या कारण हो सकता है।
1. आह्वान: हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करते हैं।
2. समय: हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए एक समय तय होना चाहिए। कई लोग इसे तब पढ़ते हैं जब उनका मन करता है और तब नहीं जब उनका मन करता है। कई लोग यह गलती करते हैं।
3. स्थान: हनुमान चालीसा का पाठ किसी पवित्र स्थान पर बैठकर करना चाहिए। खास तौर पर या तो अपने घर के पूजा स्थल पर, मंदिर में, तीर्थ क्षेत्र में या किसी पहले से तय जगह पर जिसे साफ करके पवित्र किया गया हो। इसे हर जगह या सड़क पर नहीं पढ़ा जाता है।
4. भक्त बनें: बहुत से लोग संकट में हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। कहते हैं कि दुख में तो सभी उन्हें याद करते हैं, लेकिन सुख में कोई नहीं करता। सुख में उन्हें याद करें तो दुख क्यों? दूसरी बात, हनुमानजी पर आस्था रखना जरूरी है। दूसरे देवताओं के बारे में न सोचें, हनुमान सभी सुखों को करते हैं। बहुत से लोग धैर्य नहीं रख पाते और दूसरे देवताओं का नाम जपने लगते हैं।
5. दोहे: बहुत से लोग हनुमान चालीसा का पाठ तो करते हैं, लेकिन हनुमान चालीसा के दोहे नहीं पढ़ते।
6. भोग: हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले बहुत से लोग हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करते, हनुमान की तस्वीर या मूर्ति को पवित्र जल से शुद्ध करते हैं, तुलसी की माला या पवित्र धागा पहनाते हैं और उन्हें भक्ति भाव से उनका पसंदीदा भोजन चढ़ाते हैं।
7. मध्यम स्वर: बहुत से लोग हनुमान चालीसा का पाठ बहुत तेज स्वर में गलत उच्चारण के साथ करते हैं या बहुत धीमी आवाज में करते हैं। यह गलती हर कोई करता है।
8. 100 दिन चालीसा का पाठ करें: हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार करना चाहिए। अगर 11 बार नहीं कर सकते तो 11 बार करें। अगर 11 बार नहीं कर सकते तो 9 बार करें। अगर 9 बार नहीं कर सकते तो 7 बार करें। अगर 7 बार नहीं कर सकते तो 5 बार करें और अगर 5 बार नहीं कर सकते तो 3 बार करें और अगर 3 बार भी नहीं कर सकते तो दिन में 1 बार करें। कम से कम 40 दिन तक पाठ करने के बाद उन्हें लंगोटी जरूर उपहार में दें।
9. पवित्रता: कई लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते समय ब्रह्मचर्य, पवित्रता, स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते हैं। अगर महिलाएं हनुमान चालीसा का पाठ कर रही हैं तो उन्हें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वे उन्हें स्पर्श न करें। कई लोग यह गलती करते हैं।
10. स्वयं के नाम का उच्चारण: ऐसा भी माना जाता है कि जहां लिखा है कि ‘तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजे नाथ हृदय मनः डेरा।’ यहां तुलसीदास की जगह अपना नाम उच्चारित करना चाहिए। कई लोग यह गलती करते हैं और इसी कारण उन्हें लाभ नहीं मिल पाता।
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