राजस्थान के सीकर जिले के रिंगस कस्बे में स्थित खाटूश्याम मंदिर में आज यानी सोमवार को शरद पूर्णिमा का पर्व बड़े ही उल्लास और भक्तिभाव के साथ मनाया जा रहा है। इस विशेष अवसर पर बाबा श्याम का अद्वितीय और भव्य श्रृंगार किया जाएगा, जिसके दर्शन के लिए राज्य और देशभर से हजारों भक्तों का उमड़ना तय है।
मंदिर प्रशासन ने बताया कि सुबह से ही मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों को विशेष तौर पर सजाया गया है। दीपों और फूलों से मंदिर को सुंदर रूप से सजाया गया है और भक्तों के स्वागत के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। भक्त शरद पूर्णिमा की रात को विशेष आरती और भजन-कीर्तन में शामिल होंगे।
मंदिर के पुजारियों ने बताया कि बाबा श्याम का श्रृंगार इस वर्ष विशेष आकर्षण का केंद्र है। रंग-बिरंगे वस्त्र, फूलों और आभूषणों से सजाए गए बाबा श्याम को देखकर भक्त मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यह श्रृंगार परंपरा और भक्ति का प्रतीक माना जाता है और भक्त इसे देखने के लिए सुबह से ही मंदिर में पहुंचने लगते हैं।
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर के आसपास यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवक तैनात हैं। साथ ही, पार्किंग और सुविधाओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर विशेष व्यवस्था की गई है।
भक्तों ने कहा कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर बाबा श्याम के दर्शन और भजन-कीर्तन का आनंद अद्भुत होता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करने से मनोकामना पूर्ण होने की मान्यता है। भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मंदिर पहुंचते हैं और लंबी कतारों में लगकर दर्शन करते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि शरद पूर्णिमा का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी लोगों को एक साथ लाता है। मंदिरों में होने वाले भव्य आयोजन और भक्तों की सहभागिता धार्मिक एकता और सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देती है।
मंदिर प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और व्यवस्थित तरीके से दर्शन करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस अवसर पर आरोग्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
रिंगस खाटूश्याम मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर होने वाले भजन-संगीत और विशेष आरती कार्यक्रमों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। यह दिन भक्तों के लिए अद्भुत अनुभव और आध्यात्मिक आनंद का दिन होता है।
इस प्रकार, सीकर जिले के खाटूश्याम मंदिर में शरद पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र में सांस्कृतिक और सामाजिक उत्साह का भी उत्सव है। भक्तिभाव और उल्लास के इस मिलन से पूरे इलाके में उत्सव का माहौल छाया हुआ है।
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