ट्रेवल न्यूज डेस्क !!! भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जहां भूत पिशाच भगाने का काम होता है। यही नहीं यहां दरगाह पर भी ये सब काम किए जाते हैं। इन मंदिरों और दरगाह की मान्यता काफी ज्यादा है। नहीं आएगा कुछ काम! भूत-पिशाच भगाने के लिए बस ये मंदिर और दरगाह करेंगे मदद, आज ही हो जाए लंबी कतार में खड़े!
भारत में लोग भूत-पिशाच जैसी चीजें में काफी विश्वास रखते हैं, आत्माएं, राक्षस, प्रेत, आप उन्हें जिस भी तरह का नाम देना चाहें, दे सकते हैं। वहीं इनसे छुटकारा पाने के लिए आपको कई लोगों ने सलाह भी दी होगी कि इस फलाने मंदिर में चले जाए या फिर इस दरगाह में आत्माओं से छुटकारा दिलाया जाता है। पर कभी-कभी आप इन बातों को सच नहीं मानते होंगे और सलाह को नजरअंदाज कर देते होंगे। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे मंदिर बताने वाले हैं, जहां तंत्र-मंत्र होते हैं, आत्माएं निकाली जाती हैं और भूत-पिश्चाच चुड़ैलों से छुटकारा दिलाया जाता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान
राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी मंदिर अपने काले जादू के लिए मशहूर है। माना जाता है कि ये भारत के उन इकलौते स्थानों में आता है, जहां अभी भी भूतों को जीवित तरीके से भगाने का अभ्यास होता है। ये दौसा जिले में मौजूद है और यहां हर दिन हजारों भक्त आते हैं। बता दें, उबलता पानी डालने से लेकर खुद को दीवारों में जकड़ने के तरीकों तक, यहां हर तरह से भूत भगाए जाते हैं।
हज़रात सईद अली मीरा दातार दरगाह, गुजरात
यूनीवा गांव में एक किले जैसी इमारत में स्थित, इस दरगाह का दौरा उन महिलाओं द्वारा होता रहा है, जो मानसिक रूप से भूतों द्वारा प्रभावित हैं। लोग बुरी आत्माओं से पीछा छुड़ाने के लिए यहां आते हैं। और इस स्थान पर बहुत अजीब चीजें भी होती हैं। इस दरगाह में हर धर्म, जाति और पंथ के लोगों का स्वागत भी किया जाता है।
श्री कष्टभजन देव हनुमानजी मंदिर, गुजरात
इस मंदिर में लोग भगवान हनुमान को हाजरी देने और बुरी आत्माओं को भगाने के लिए यहां पहुंचते हैं। कहते हैं कि ये जगह भूतों और बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है।
देवजी महाराज मंदिर, मध्य प्रदेश
पूर्णिमा के दौरान लोग आत्मा या भूत-पिशाच से छुटकारा पाने के लिए इस मंदिर में पहुंचते हैं। लोगों को दौड़ते, पवित्र झाड़ू से झड़ते हुए यहां देखा जा सकता है। कभी-कभी आपको ऐसे लोग भी दिख जाएंगे जो आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए अपनी हथेली पर कपूर जलाते हैं। मंदिर में हर साल एक भूत मेला भी होता है।
दत्तात्रेय मंदिर, कर्नाटक
ये मंदिर कर्नाटक के गाणगापूर में मौजूद है, लोग अमावस्या और पूर्णिमा के दिन यहां आते हैं। एक बार जब भी सभी इकट्ठे होते हैं, तो ‘महामंगल आरती’ सुबह 11.30 बजे शरू होती है, इस दौरान लोग चिल्लाते हैं और देवताओं को गालियां देते हैं। बल्कि लोग दीवारों और प्राचीर पर भी चढ़ जाते हैं।
निज़ामुद्दीन दरगाह, दिल्ली
जब आप दरगाह के भीड़ भाड़ वाले और पर्यटकों से भरे हिस्से से अलग होते हैं, तो कहते हैं यहां एक कमरा है जो बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाता है। उस कमरे से चीख-पुकार सुन सकते हैं, कहते हैं वहां भूत भगाने का काम होता है। डिस्क्लेमर :''इस लेख में बताई गई किसी भी जानकारी/सामग्री में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें।''
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