मीरजापुर, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . शारदीय नवरात्र की पूर्णिमा तिथि पर मंगलवार को विंध्याचल धाम पूरी तरह भक्तिमय वातावरण में डूब गया. सुबह से ही “जय माता दी” के गगनभेदी जयकारों से गलियां, घाट और मंदिर परिसर गुंजायमान रहे. दोपहर की तल्ख धूप भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी-हर कोई मां विंध्यवासिनी के दरबार में हाजिरी लगाने को उत्साहित दिखा.
भोर में मां की भव्य मंगला आरती से पहले ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें मंदिर परिसर और आसपास की गलियों में लग गई थीं. आरती के उपरांत मंदिर के कपाट खुलते ही दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. न्यू वीआईपी रोड, जयपुरिया गली, सदर बाजार और पक्का घाट गली में भक्तों की भीड़ जयघोष करते हुए आगे बढ़ती रही.
मां के दिव्य श्रृंगार और मंदिर परिसर में सजे देवी-देवताओं के पुष्पमालाओं से अलंकृत स्वरूप ने भक्तों को अभिभूत कर दिया. दर्शन-पूजन के बाद श्रद्धालुओं ने अष्टभुजा पहाड़ी स्थित मां महाकाली और अष्टभुजी देवी के दरबार में भी माथा टेका और परिवार के मंगल की कामना की. गंगा तट पर स्नान और पूजा-अर्चना के लिए दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. दर्शन के बाद भक्तों ने विंध्य की गलियों में सजी माला, फूल, चुनरी, प्रसाद और नारियल की दुकानों से खरीदारी की, जिससे बाजार गुलजार रहा.
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की थी. वहीं, विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी व सदस्य भक्तों की सेवा में तत्पर नजर आए. पूरा विंध्य क्षेत्र “जय मां विंध्यवासिनी” के जयघोष से देर रात तक गूंजता रहा.
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(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
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