उरई, 26 सितम्बर (Udaipur Kiran News) . दूरसंचार के सिम कार्ड की फ्रेंचाइजी लेकर काम करने वाले कस्बा जालौन निवासी धर्मेंद्र सक्सेना को कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद अण्डमान निकोबार की एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है.
धर्मेंद्र सक्सेना के खिलाफ गत 25 फरवरी को बीएसएनएल के अण्डमान और निकोबार दूरसंचार मंडल के सहायक महाप्रबंधक ने एक रिपोर्ट पुलिस स्टेशन साइबर अपराध दक्षिण अण्डमान में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक धर्मेंद्र सक्सेना के कहने से 38 हजार फर्जी आधार कार्ड उसके मुख्तारों ने जारी करवा दिये थे. जब यह मामला जानकारी में आया तो उसने सारा दोष अपने मुख्तारों पर मढ़ दिया. उसे आधार से संबंधित सभी गतिविधियां अण्डमान और निकोबार द्वीप समूह में ही संचालित करने की परमीशन दी गयी थी.
लेकिन बाद में उसने अपना काम अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर तक फैला दिया और अन्य राज्यों में भी लोगों को फर्जी आधार कार्ड उपलब्ध कराने में मदद दी. इसके बचाव में धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि उसने अपने मुख्तार मो. साहिल को तत्काल ही फर्म से हटा दिया था लेकिन जांच हुई तो पाया गया कि साहिल उसकी सहमति के कारण ही व्हाटसएप ग्रुप पर प्रशासक के रूप में कार्यकर्ता रहा. जिसका उपयोग नामांकन संबंधी संचार के लिए किया जा रहा था.
बताया जाता है कि अण्डमान निकोबार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ में यूपी एसटीएफ ने इसे दबोच लिया था, लेकिन बाद में यह बड़ी रकम देकर छूट गया था. इसी क्रम में अग्रिम जमानत के लिए इसने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी. उच्च न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के वकील की मजबूत दलीलों को सुनने के बाद धर्मेंद्र सक्सेना की याचिका खारिज कर दी. इसी दौरान कलकत्ता उच्च न्यायालय के बाहर विचरण करते हुए अण्डमान निकोबार के विशेष जांच दल ने इसे गिरफ्तार कर लिया.
धर्मेंद्र सक्सेना जालौन जिले में कुख्यात है. जिसके खिलाफ पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. हाल में कालपी कोतवाली के छौंक ग्राम में 6 करोड़ की जमीन धोखाधड़ी में भी इसका नाम आया और यह पकड़ा भी गया. इसके ऑपरेटर सचिन सिंह सहित 26 लोगों को जेल भेजा गया. लेकिन इसे छोड़ दिया था. यह मामला भी अब उखड़ चुका है. अपर पुलिस महानिदेशक कानपुर जोन ने इस मामले में Superintendent of Police जालौन को नये सिरे से जांच करने के निर्देश दिये हैं.
संकेत मिले हैं कि Superintendent of Police द्वारा इसकी मदद करने वाले विवेचना अधिकारी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
उधर पोर्ट ब्लेयर की जेल में बंद हो चुका धर्मेंद्र सक्सेना अब बाहर निकलने के लिए छटपटा रहा है. लेकिन केस लंबा चलेगा. उसे प्रोथरपुर की जिला जेल में भेजा जायेगा.
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
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