आबूरोड, 5 अगस्त (Udaipur Kiran) । ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोबल ऑडिटोरियम में मंगलवार काे राष्ट्रीय डिजाइन एवं इनोवेशन सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। डिजाइन योर डेस्टिनी विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से 350 से अधिक डिजाइनर्स, इनोवेटर्स और क्रिएटिव प्रोफेशनल्स भाग ले रहे हैं।
वर्ल्ड डिजाइन आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष प्रद्युम्न व्यास ने कहा कि जीवन में आध्यात्मिकता का सबसे बड़ा योगदान है। यदि जीवन में अध्यात्म है तो जीवन बेहतर डिजाइन हो जाता है। हमारे कर्मों में इनोवेशन आ जाता है। अध्यात्म से काम, क्रोध, लोभ, मोह नियंत्रित में रहता है। हमें ऐसे विश्व की रचना करना होगी जिसमें सुख और शांति हो। डिजाइन और इनोवेशन से हमने भौतिक रूप से तो तरक्की की है, लेकिन पृथ्वी को संकट में डाल दिया है, हम प्रकृति से दूर हो गए हैं। आज हर चीज यूज एंड थ्रो है। इस मानसिकता का परिणाम है कि रिलेशनशिप में भी यूज एंड थ्रो के आधार पर चल रहे हैं। हमें फिर से प्रकृति की ओर लौटना पड़ेगा और मानवता को बढ़ाना होगा।
शुभारंभ पर अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि जब जीवन में अहंकार आता है तो उसके पीछे काम, क्रोध, लोभ, मोह भी आ जाते हैं। आज हम खुद को भूल गए हैं। वास्तव में मैं एक चेतन्य शक्ति आत्मा हूं। मैं शांत स्वरूप, शक्ति स्वरूप आत्मा हूं। वसुधैव कुटुम्बकम् सिर्फ एक वाक्य या नारा नहीं है यह हमारी संस्कृति है। आंतरिक मन की शांति से रियल क्रिएटिविटी होती है। नई दिल्ली की लिपिका सूद इंटीरियर्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक एवं डिज़ाइनर लिपिका सूद ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ में पहली बार डिजाइन एवं इनोवेशन पर सम्मेलन हो रहा है। क्रिएटिविटी और स्प्रीचुअलिटी आपस में कनेक्टेड हैं। अहमदाबाद के जीएलएस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के निदेशक अनिल सिन्हा ने कहा कि यदि हमारे जीवन में आध्यात्मिकता होगी तो हमारा क्रिएशन बेहतर होगा। हमारे पास बेहतर आइडिया आते हैं। अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके करुणा भाई ने कहा कि आज हम सभी को जरूरत है कि फिर से प्रकृति की दुनिया को विकसित करें। प्रकृति का सौंदर्य हमारे मन को शांति और आनंद देता है। आज जो डिजाइन के इनोवेशन हो रहे हैं, हमें प्रकृति से दूर कर रहे हैं। आज के कई इनोवेशन आने वाली स्वर्णिम दुनिया की झलक के दर्शन करा रहे हैं। अतिरिक्त महासचिव राजयोगी डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आज पूरी दुनिया में तेजी से नए-नए इनोवेशन हो रहे हैं। तेजी से बदलते इस दौर में हम क्रिएशन और इनोवेशन के चक्कर में अपनी परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को भूलते जा रहे हैं।
डिजाइन एवं इनोवेशन सेवा की उपाध्यक्ष बीके दिव्यप्रभा दीदी ने कहा कि जब हमारा मन बहुत खुश और आनंद में होता है और ऐसे समय में हम कुछ नया डिजाइन और क्रिएशन करते हैं तो वह सबसे बेहतर होता है। वहीं यदि हम तनाव, गुस्सा में कार्य करते हैं तो हमारे क्रिएशन में वह क्वालिटी नहीं रहती है। पुणे की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके लक्ष्मी बहन ने ब्रह्माकुमारीज़ की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। उत्तराखंड की प्रसिद्ध डांसर आयुषी देवरानी ने स्वागत नृत्य किया। बीके सविता बहन और बीके रुपम ने सम्मेलन के बारे में जानकारी दी। मुंबई बोरीवली की बीके संगीता बहन ने संचालन किया।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित
You may also like
ब्रॉक लेसनर उड़ा देते WWE रिंग की छत, जॉन सीना की कुटाई वाली रात कुछ ऐसा था ट्रिपल एच का रिएक्शन
Penny Stocks: रेवेन्यू में हुई 1300% की बढ़ोतरी तो 10 रुपये के इस पेनी स्टॉक में लगने लगा रोज अपर सर्किट
'मुझे नहीं पता... जांच करूंगा' कहकर Donald Trump ने झाड़ा पल्ला, रुसी तेल विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति का गोलमाल जवाब चर्चा में
गर्दिश में हैं बीजेपी विधायक संजय पाठक के सितारे? अवैध खनन मामले में 443 करोड़ रुपए की होगी वसूली
Jokes: लड़का: डैड मम्मी नहीं है घर पे, आ जाओ कुछ तो करेंगे मिलके, लड़की: तू रहने दे कमीने, ऐसे ही एक बार बुला के...