फिरोजाबाद, 07 नवम्बर (Udaipur Kiran) . न्यायालय ने शुक्रवार को नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन काल) की सजा सुनाई है. उस पर अर्थ दंड लगाया है. अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
थाना लाइनपार क्षेत्र निवासी एक 17 वर्षीय किशोरी अपनी चाची के यहां से चूड़ी की जुड़ाई कर 3 जून 2024 को अपने घर जा रही थी. रास्ते में एक किशोर उसका हाथ पकड़ कर चाचा के घर ले गया. वहा अंकित कुमार पुत्र पप्पू उर्फ बृजेश मौजूद था. वहां दोनों ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया. घर पहुंचकर किशोरी ने परिजनों को घटना की जानकारी दी. परिजनों ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने दोनों के खिलाफ नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं के तहत विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया.
मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट मुमताज अली की अदालत में चला. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अवधेश भारद्वाज ने की. उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने पेश किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने अंकित को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी माना.
न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवन काल) की सजा सुनाई है. उस पर 40 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है. अर्थ दंड न देने पर उसे 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़
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