देहरादून, 11 मई . भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराए जाने के निर्णय को ऐतिहासिक और सामाजिक न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है.
रविवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह निर्णय विकसित भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगा और इससे आर्थिक एवं कल्याणकारी नीतियों को अधिक प्रभावी रूप दिया जा सकेगा.
उन्होंने इस विषय पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि 1931 में ब्रिटिश सरकार के दौरान जातिगत जनगणना की गई थी, तब पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत का हिस्सा थे. उस समय हुई जातियों की गणना में ओबीसी वर्ग की संख्या कुल आबादी के 27 करोड़ और हिस्सेदारी में 52% थी. तब से आज तक अनुसूचित जाति एवं जनजातियों को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर कोई आधिकारिक जाति गणना नहीं हुई है .
उन्होंने कहा कि 94 वर्ष बाद जातिगत जनगणना को पुनर्जीवित करने का मोदी सरकार का यह निर्णय साक्ष्य आधारित और पारदर्शिता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इससे पूर्व अंतिम जनगणना 2011 में हुई, परंतु उस गणना में ओबीसी और अन्य जातियों की गणना ना होने से सही आकलन नहीं किया गया.
महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर पटवार करते हुए कहा कांग्रेस जब-जब विपक्ष में रही जातिगत गणना की वकालत करती रही, परंतु सत्ता में आने पर उन्होंने इसे कूड़ेदान में ही डालने का कार्य किया. 2010 में यूपीए सरकार के तहत इस पर विचार करने के लिए मंत्रियों का समूह तो बनाया गया परंतु 2011 की गणना में इसको लेकर कोई तैयारी नहीं की गई. दरअसल कांग्रेस ने जातिगत जनगणना को केवल राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया और कभी भी उसे धरातल पर उतारने का प्रयास नही किया.
उन्होंने कहा कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी, मनमोहन तक कांग्रेस के सभी प्रधानमंत्रियों ने इसका समय समय पर विरोध किया. तेलंगाना में कांग्रेस सरकार द्वारा कराए गए जातीय सर्वे की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. इससे कांग्रेस की दोहरी नीति उजागर होती है.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पहले भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण लागू कर सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है. ऐसे में जब मोदी सरकार जातिगत जनगणना कराएगी, भारतीय समाज का आर्थिक स्वरूप भी देश के सम्मुख होगा, जिसके आधार पर ऐसी नीतियां बनेंगी कि समाज का हर वर्ग आर्थिक रूप सशक्त हो.
इस अवसर पर ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गिरी ने कहा कि मोदी सरकार का यह कदम हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त करेगा और देश की सामाजिक एवं आर्थिक नींव को मजबूत करेगा. उन्होंने आग्रह किया कि सभी राजनीतिक दलों को भी अपने-अपने संकीर्ण हितों से ऊपर उठ आगे आने को कहा.
पत्रकार वार्ता के दौरान दर्जाधारी सुरेश भट्ट, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र नेगी, संपर्क प्रमुख राजीव तलवार, सत्यवीर चौहान भी मौजूद रहे.
/ राजेश कुमार
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