गौतमबुद्ध नगर, 5 सितंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व सांसद और उद्योगपति डीपी यादव के बड़े बेटे विकास यादव की शादी शुक्रवार काे राजनगर स्थित उनके आवास पर पारिवारिक लोगों की उपस्थिति में एक सादे समारोह में संपन्न हुई। विकास यादव नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में जेल में बंद है। वह इस समय में पैरोल पर बाहर हैं।
पूर्व मंत्री डीपी यादव के भतीजे सत्येंद्र यादव ने बताया कि विकास यादव को 24 अप्रैल को अपनी माता पूर्व विधायक उमलेश देवी की सेवा की लिए पेरोल मिला था। उनकी माता उमलेश देवी का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है उनका इलाज गाजियाबाद के निजी अस्पताल में चल रहा है। मां के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनकी देखभाल के लिए विकास ने शादी करने का निर्णय लिया है। सत्येन्द ने बताया कि आज दिन में एक सादे समारोह में आर्य समाजी विधि से 50 वर्षीय विकास की आज शादी 28 वर्षीय हर्षिका यादव के साथ संपन्न हो गई है। हर्षिका ग्राम इटोली जिला फिरोजाबाद निवासी एक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य उदयराज सिंह उर्फ़ उदयराज की बेटी है। पहले यह शादी न्योली शुगर मिल जिला कासगंज में होनी तय हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को देखते हुए बाद में विवाह राजनगर स्थित उसके निवास स्थान पर ही संपन्न हुई। हर्षिका की विकास यादव के साथ सगाई जुलाई माह में हुई थी।
इस संबंध में पूर्व सांसद डीपी यादव ने कहा कि हम लोग आर्य समाज का अनुसरण करते हैं। आर्य समाज की पद्धति के अनुसार हम कोई भी शुभ कार्य करते हैं। इसीलिए आर्य समाज के विधान से विकास और हर्षिका यादव की शादी संपन्न हुई। विकास यादव ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट से पैराल पर हैं। उनकी माता की तबीयत खराब है, तथा उनकी रीढ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ है। मां की देखभाल के लिए उन्होंने शादी की है। उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश के तहत अपनी गाजियाबाद मे ही शादी का कार्यक्रम किए है। उन्होंने कहा कि वे न्यायालय में उन्हें पूरी निष्ठा और विश्वास है। कोर्ट ने उनके साथ न्याय किया है, और वह न्यायालय का सम्मान करते हैं।
विकास यादव की नवविवाहिता हर्षिका (28 वर्ष) एमसीए की पढ़ाई कर रही है। उन्होंने ओम डिग्री कॉलेज शिकोहाबाद से स्नातक की पढ़ाई की है, तथा वह वर्तमान समय में एमसीए कर रही है। हर्षिका के पिता के उदयराज सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के भतीजे हैं। मुलायम सिंह यादव का परिवार पूर्व में शिकोहाबाद के इसी गांव का रहने वाला था, बाद में वह हर्षिका के पिता के परिवार को अपनी जमीन सौंपकर सैफई चले गए थे।
हिन्दुस्थान/सुरेश
(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
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