शिमला, 01 जून . चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस मुद्दे पर सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर सीधा हमला बोला है. उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सरकार इस मामले में सीबीआई जांच से बचना चाहती है और जांच में बाधा डालने का प्रयास कर रही है.
जयराम ठाकुर ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले यह सार्वजनिक रूप से कहा था कि सरकार इस मामले में सीबीआई जांच का विरोध नहीं करेगी और न ही उच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी. लेकिन इसके विपरीत शिमला के एसपी संजीव गांधी ने व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी. हालांकि फिर इस अपील को वापिस लेने का दावा किया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि जब शिमला के एसपी का कार्यभार किसी अन्य अधिकारी के पास है तो संजीव गांधी ने किस अधिकार से यह अपील की? क्या यह मुख्यमंत्री की जानकारी में था या उनके निर्देश पर हुआ?
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस इस संवेदनशील मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि अब स्वयं एडवोकेट जनरल ने यह स्वीकार किया है कि अपील में खामियां हैं और सरकार अब इसे आगे नहीं बढ़ाएगी. ऐसे में यह स्पष्ट है कि अपील दायर करने का फैसला पुलिस अधिकारी का व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि इसके पीछे सरकार की मंशा छिपी हुई है.
पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर ने सवाल उठाया कि जब अधिकारी मुख्यमंत्री की बात नहीं मान रहे हैं तो फिर मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक आधार नहीं बचता. उन्होंने कहा कि सरकार में कोई अनुशासन नहीं दिख रहा है, न मंत्री सुन रहे हैं और न अफसरों पर नियंत्रण है.
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि विमल नेगी की मौत के मामले में सबूतों से छेड़छाड़ और उन्हें मिटाने की कोशिश की गई. अब जबकि मामला सीबीआई के पास है तो कई परतें खुलने की संभावना है जिससे सरकार परेशान है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार सच में पारदर्शी जांच चाहती है तो उसे सीबीआई के साथ पूरी तरह सहयोग करना चाहिए लेकिन अभी तक का व्यवहार इसके उलट रहा है.
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/ उज्जवल शर्मा