—बीएचयू में तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ
वाराणसी,11 अगस्त (Udaipur Kiran) । अयोध्या के संत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि हम जो कहते हैं, उसे अपने आचरण में चरितार्थ करें, वही सच्चा धर्म है। धर्म जीवन में नैतिकता, सत्य और करुणा का आधार है। आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण सोमवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू)के भारत अध्ययन केंद्र परिसर में श्री विद्यानिवास मिश्र जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। धर्मः जीवन में सनातन राग विषयक गोष्ठी में संत ने ज्ञान की बरसात करते हुए धर्म की व्याख्या की।
उन्होंने बताया कि संघात से विघात तक की अवधि को जीवन कहते है जिसे देश व काल में नापा जाता है, उस जीवन को अनुधातन व पुरातन के भेद से पहचानते हैं। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय सदैव भारत और राष्ट्र की बात करते थे। भारत अध्ययन केन्द्र द्वारा संचालित पाठ्यक्रम विभिन्न प्रान्तों, क्षेत्रों तथा जन-जन तक पहुँचे यह महत्त्वपूर्ण है। प्रो. विद्यानिवास मिश्र से जुड़े एक संस्मरण को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी भाषा ज्ञान प्राप्ति के उद्देश्य में बाधक नही हो सकती है। प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि हमें अपने सनातन धर्म में आधुनिकता का उपयोग करते हुए कार्य करना चाहिए। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय में भारतीय ज्ञान परम्परा (इण्डियन नालेज सिस्टम) से सम्बन्धित प्रकोष्ठ बना है। हम सभी को इस सुविधा का उपयोग कर भारतीय ज्ञान परम्परा को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर कुलपति ने केन्द्र के भूतल पर स्थित ‘‘वैदिक यज्ञ-पात्र संग्रहालय’’ का फीता काटकर उद्घाटन किया। गोष्ठी में पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने बीज वक्तव्य दिया। सदस्य सचिव, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् प्रो. सच्चिदानन्द मिश्र ने भी विचार रखा। भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली,भारत अध्ययन केंद्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, लाल बहादुर शास्त्री पी.जी. कॉलेज, पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर, चंदौली एवं विद्याश्री न्यास ने इस संगोष्ठी का संयुक्त आयोजन किया है।
गोष्ठी में ‘जीवन में सनातन राग’ विषय पुस्तक का विमोचन भी किया गया। संचालन प्रो. राम सुधार सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापित डॉ. दयानिधि मिश्र ने किया।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं.ˈ ये लाइन ब्रांड की टैगलाइन है! जानिए कानपुर के उस लड्डू वाले की कहानी जिसने ठगते-ठगते जीत लिए दिल
एकता कपूर कलयुग की मीरा हैं 49 कीˈ होने के बावजूद इस एक्टर की वजह से आज तक नहीं की शादी
बिहार में लड़की की किडनैपिंग का मामला: वायरल वीडियो में खुद को बताया बालिग
मेघनाद का वध करना लक्ष्मण के लिए नहींˈ था आसान 14 साल तक दी थी इन 3 चीज़ों की कुर्बानी
महिलाओं की हर छुपी तकलीफ का इलाज इनˈ 5 देसी दानों में है छिपा लेकिन सही तरीका जानना ज़रूरी है