औगाडौगू, 18 अगस्त (Udaipur Kiran) । पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो ने संयुक्त राष्ट्र की क्षेत्रीय समन्वयक कैरल फ्लोर-स्मेरेज़्नियाक को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया है। यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के बाद लिया गया, जिसमें देश में बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए गए थे।
सरकार के प्रवक्ता ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि “चिल्ड्रेन एंड आर्म्ड कॉन्फ्लिक्ट इन बुर्किना फासो” शीर्षक वाली इस रिपोर्ट की तैयारी में न तो बुर्किनाबे अधिकारियों को शामिल किया गया और न ही निष्कर्षों की जानकारी पहले दी गई। प्रवक्ता के अनुसार, रिपोर्ट में “बिनाधार आरोप और गलत जानकारियां” शामिल की गई हैं, जिनका किसी न्यायिक जांच या अदालती फैसलों से कोई आधार नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा और न्यूयॉर्क स्थित दफ्तरों से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
उल्लेखनीय है कि बुर्किना फासो बीते एक दशक से अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ संघर्ष झेल रहा है। इस हिंसा ने पड़ोसी देशों तक फैलकर 2020 से 2023 के बीच कई सैन्य तख्तापलट को जन्म दिया। संयुक्त राष्ट्र ने अतीत में साहेल क्षेत्र में बच्चों की हत्याओं, अपहरण, शोषण और बाल सैनिकों की भर्ती की निंदा की है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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