नई दिल्ली, 26 मई . भारत सरकार ने अग्रिम प्राधिकरण (एए) धारकों, निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) और विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में काम करने वाली इकाइयों के लिए निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना के लाभों को बहाल कर दिया है. ये लाभ एक जून, 2025 से किए जाने वाले सभी पात्र निर्यातों पर लागू होंगे.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में बताया कि केंद्र सरकार ने अग्रिम प्राधिकरण (एए) धारकों, निर्यात-उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में काम करने वाली इकाइयों की ओर से किए गए निर्यात के लिए निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट (आरओडीटीईपी) योजना के तहत लाभ बहाल करने की घोषणा कर दी है. ये लाभ एक जून 2025 से किए गए सभी पात्र निर्यातों पर लागू होंगे.
मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए घरेलू टैरिफ क्षेत्र के लिए 10,780 एचएस लाइनों और एए/ईओयू/एसईजेड खंडों के लिए 10,795 एचएस लाइनों के तहत निर्यात का समर्थन करने के लिए 18,233 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. यह योजना पूरी तरह से निर्यातकों के लिए पारदर्शिता और आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल प्लेटपफॉर्म के जरिए संचालित की जाती है. एक जून, 2025 से लागू होने वाले इस कदम का उद्देश्य भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना और सभी निर्यातक श्रेणियों में समानता सुनिश्चित करना है.
उल्लेखनीय है कि विशेष निर्यात श्रेणियों के लिए आरओडीटीईपी लाभों की बहाली एक अनुकूल, प्रतिस्पर्धी और अनुपालन निर्यात पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए भारत सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो भारत के दीर्घकालिक व्यापार विकास को बढ़ावा देती है.
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/ प्रजेश शंकर