भागलपुर, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । बिहार के भागलपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान दो पाकिस्तानी महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट में पाए गए। गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि ये न केवल अवैध तरीके से मतदाता बने थे, बल्कि इनके पास आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मौजूद य।
इन महिलाओं ने कई बार मतदान भी किया था। भागलपुर जिला प्रशासन ने बीएलओ के माध्यम से फार्म 7 भरकर इन महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और मामले की गहन जांच का आदेश दिया है। इस दौरान यह जांच की जाएगी कि यह किस प्रकार संभव हुआ कि विदेशी नागरिक भारतीय मतदाता सूची में शामिल हो गए।
इन पाकिस्तानी महिलाओं के पास आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे दस्तावेज भी थे। इस बात की जांच की जा रही है कि उनके पास ये दस्तावेज कैसे पहुंचे और इस धोखाधड़ी के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं।
जिला प्रशासन की जांच में पाया गया कि इमराना खानम उर्फ इमराना खातून पाकिस्तानी महिला है। पूरे देश में इस पर हंगामा मचा है, सवाल उठ रहे हैं कि कैसे कोई पाकिस्तानी भारत में वोट दे रही है, सरकारी नौकरी कर रही है। बीते सोमवार को भी स्पेशल ब्रांच और इशाकचक थाना की पुलिस उस स्कूल में इमराना को तलाशने पहुंची जहां वह पढ़ाती थी।
वहीं पत्रकारों को सोमवार को भागलपुर के इशाकचक में इमराना घर में मिलीं। बिस्तर पर लेटीं इमराना ने बताया कि बीमार हूं। इस कारण से स्कूल नहीं जा पा रही।
इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि नगर निगम के विद्यालय अवर निरीक्षक को मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
सबसे बड़ी बात शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर योगदान के लिए 2006 में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से इमराना के पति इबनुल हक को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। इबनुल का निधन 2018 में हो गया। स्थानीय निवासियों के अनुसार इमराना इबनुल की दूसरी पत्नी थीं। इमराना की कोई औलाद नहीं है।
वर्तमान में वह शाहकुंड में शिक्षक हैं। घर में पत्रकारों से बात करते हुए इमराना ने बताया कि आज मुझे स्कूल जाना था लेकिन तबीयत खराब होने के कारण मेडिकल लीव के लिए अप्लाई किया है। उन्होंने बताया कि वह हृदय रोग से ग्रसित है। आए दिन तबीयत खराब रहती है। पाकिस्तानी होने की बात खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि वह भारत में ही जन्मी हैं। जन्म कब हुआ यह ठीक से याद नहीं। माता-पिता के निधन के बाद भीखनपुर में ही रहने वाली उनकी खाला गोशिया खानम ने उनका पालन पोषण किया है। उन्होंने दावा किया कि मुझे पाकिस्तानी होने के विवाद में बूथ लेवल आफिसर फरजाना खातून ने घसीटा है। वह मेरी जमीन पर ही मेरे घर में 40 वर्षों से किराए पर रह रही हैं। पहले वह किराया देती थीं, लेकिन अब वह किराया भी नहीं देती हैं।
इमराना के विदेशी पासपोर्ट नंबर 981093/1956 के अनुसार उनका जन्म जनवरी 1956 में हुआ है। इसमें इस बात का जिक्र है कि इमराना खानम नाम की महिला 3 साल के वीजा पर पाकिस्तान से भारत आईं लेकिन, शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में इमराना खातून की जन्मतिथि 2 मार्च 1966 अंकित है। सवाल है कि कोई महिला जन्म से पहले भारत पहुंच गई। अंदेशा है कि दूसरे पहचान पत्र बनाते हुए तारीख बदल दिया गया।
उधर, भागलपुर के एसएसपी हृदयकांत ने बताया कि पाकिस्तानी महिला प्रकरण की जांच को डीएसपी को आदेश दिया गया है। जांच के आधार पर जो भी रिपोर्ट आएगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
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