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बुजुर्ग कपल की चाय की दुकान, जहां 16 तरह की चाय में मिलता है स्वाद और सुकून का मेल!

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नोएडा के सेक्टर-37 में एक ऐसी जगह है, जहां चाय की चुस्कियां लेते हुए आपका दिल खुश हो जाएगा। नाम है टीस्ता टी शॉप, जहां 16 तरह की लाजवाब चाय आपको मिलेगी। इस छोटी-सी दुकान को एक बुजुर्ग दंपति, कैप्टन (सेवानिवृत्त) वी.के. मेहरा और उनकी पत्नी कुक्कू मेहरा, कई सालों से प्यार और मेहनत से चला रहे हैं। पहले यह दुकान एक गैराज में शुरू हुई थी, लेकिन अब यह नोएडा के गोदावरी मार्केट में अपनी खास पहचान बना चुकी है।

चाय: सिर्फ पेय नहीं, जिंदगी का स्वाद

चाय हमारे लिए बस एक ड्रिंक नहीं है, बल्कि वो जादुई चीज है जो सुकून देती है, थकान मिटाती है और हर गपशप को खास बनाती है। सुबह की शुरुआत हो या रात का अंत, चाय के बिना सब अधूरा सा लगता है। टीस्ता टी शॉप ऐसी ही एक जगह है, जहां चाय सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि यादों और रिश्तों का मेल है। यहां कॉलेज के दोस्तों की हंसी, पुरानी बातें और गर्मागर्म चाय की खुशबू एक साथ मिलती है। शाम होते ही यह गली युवाओं से गुलजार हो जाती है। कोई जींस-टीशर्ट में चाय की चुस्कियां ले रहा होता है, तो कोई स्टाइलिश चश्मा लगाकर कॉफी के साथ गपशप में मगन होता है।

छोटी दुकान, बड़ा जादू

टीस्ता टी शॉप भले ही छोटी हो, लेकिन इसका माहौल ऐसा है कि आप बार-बार यहां आना चाहेंगे। इस दुकान में सिर्फ 10 लोग बैठ सकते हैं, लेकिन रौनक हमेशा बनी रहती है। दुकान के अंदर पुरानी केतलियां, रंग-बिरंगे कप और मेहरा दंपति के दक्षिण एशियाई देशों से लाए अनोखे बर्तन इस जगह को खास बनाते हैं। बाहर गलियारे में छोटे-छोटे स्टूल रखे हैं, जो इसे किसी ट्रेंडी कैफे जैसा लुक देते हैं।

16 तरह की चाय, हर स्वाद का खजाना

टीस्ता टी शॉप का मेन्यू चाय प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। यहां आपको दार्जिलिंग, कश्मीरी कहवा, जिनसेंग, हर्बल और तिब्बती चाय समेत 16 तरह की चाय मिलेगी। इनमें आइस्ड टी और कैरेबियन कॉफी सबसे ज्यादा पसंद की जाती हैं। चाय के साथ-साथ यहां के घर में बने सैंडविच, बर्गर, मोमोज़, मफिन और कुकीज भी लोगों को खूब भाते हैं। सबसे खास बात? इन स्नैक्स की कीमत सिर्फ 40 से 60 रुपये के बीच है, जो हर किसी के बजट में फिट बैठती है।

चाय की पत्तियों का राज

कैप्टन मेहरा सिर्फ चाय परोसने तक सीमित नहीं हैं। वो ग्राहकों को चाय की पत्तियों और उनकी गुणवत्ता के बारे में भी बताते हैं। उनका कहना है कि चाय का असली स्वाद तभी आता है, जब पत्तियों का चयन और तैयारी सही हो। उनकी यह बात ग्राहकों को इतनी पसंद आती है कि लोग बार-बार उनकी दुकान का रुख करते हैं।

बड़े ब्रांड्स को टक्कर देती ये छोटी दुकान

एनसीआर में भले ही बड़े-बड़े चाय और कॉफी के ब्रांडेड कैफे खुल गए हों, लेकिन टीस्ता टी शॉप अपने सस्ते दाम, घर जैसे माहौल और शानदार स्वाद से सबका दिल जीत लेती है। यह नोएडा और एनसीआर की सबसे पुरानी चाय की दुकानों में से एक है, और यहां हमेशा भीड़ लगी रहती है।

गैराज से शुरू हुआ था सफर

सब कुछ 1995 में शुरू हुआ, जब कुक्कू मेहरा ने अपने गैराज से चाय की पत्तियों की पैकिंग और बिक्री का छोटा-सा काम शुरू किया। उस वक्त उनके पति नौकरी में थे, लेकिन एक साल बाद वो भी इस काम में शामिल हो गए। कुक्कू बताती हैं कि उस दौर में लोग उनकी चाय का स्वाद इतना पसंद करते थे कि लौटकर पूछते थे कि इसे घर पर कैसे बनाया जाए। उस समय दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन टी बिल्कुल नई थी।

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