यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। क्या राजनीतिक दुश्मनी के चलते एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य को गौकशी के मामले में झूठा फंसाया गया? इस सवाल ने अब तूल पकड़ लिया है। सिविल बार एसोसिएशन ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग उठाई है और पुलिस क्षेत्राधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों को जांच का हिस्सा बनाने की अपील की है।
गौकशी का आरोप और पुलिस की कार्रवाईपुलिस के मुताबिक, 25 जुलाई को कोतवाली पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग गौवंशीय पशु का वध कर उसका मांस बेचने की तैयारी में हैं। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तीन आरोपियों को हिरासत में लिया और एक छोटा हाथी वाहन भी जब्त किया। इस मामले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य, पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारत संचार निगम के टेलीफोन सलाहकार सदस्य और अधिवक्ता ज़रीफ़ मलिक को गौकशी का आरोपी बनाया गया। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
सिविल बार एसोसिएशन का दावा: झूठा है आरोपसिविल बार एसोसिएशन ने इस मामले में ज़रीफ़ मलिक का समर्थन करते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में दावा किया गया है कि ज़रीफ़ मलिक का नाम इस मामले में पूरी तरह झूठा जोड़ा गया है और उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं है। एसोसिएशन का कहना है कि मौके पर मौजूद गवाहों ने अपने हलफनामों में साफ कहा है कि घटनास्थल पर ज़रीफ़ मलिक मौजूद ही नहीं थे। इसके अलावा, घटना के समय ज़रीफ़ अपने स्कूल में थे, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है। यह फुटेज इस बात का पक्का सबूत है कि कोई व्यक्ति एक ही समय में दो जगहों पर नहीं हो सकता।
सीसीटीवी फुटेज और गवाहों का बयानपुलिस की एफआईआर के अनुसार, घटना सुबह 9:30 बजे की है। लेकिन ज़रीफ़ मलिक के पक्ष में यह दावा किया गया है कि वह सुबह 7:28 बजे से 9:52 बजे तक अपने स्कूल में स्टाफ के साथ मौजूद थे। सिविल बार एसोसिएशन ने मांग की है कि इस मामले की जांच में गवाहों के शपथ पत्र और सीसीटीवी फुटेज को शामिल किया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि यह मामला राजनीतिक रंजिश का नतीजा है और ज़रीफ़ मलिक को जानबूझकर फंसाया जा रहा है।
निष्पक्ष जांच की मांगसिविल बार एसोसिएशन ने पुलिस से इस मामले की गहराई से जांच करने की अपील की है। उनका कहना है कि सच सामने लाने के लिए गवाहों के बयान और सीसीटीवी फुटेज को जांच का हिस्सा बनाना जरूरी है। इस दौरान कई अधिवक्ता पुलिस क्षेत्राधिकारी से मिलने पहुंचे और इस मामले में निष्पक्षता की गुहार लगाई।
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