कुंडलिया छंद - 1
तृतीया का पावन दिवस, शुभ मुहूर्त सुख धाम।
दान पुण्य का पर्व है, सकल सुमंगल नाम।
सकल सुमंगल नाम, पितर को भोग लगाओ।
लक्ष्मी का है धाम, धान्य धन सब कुछ पाओ।
कह सुशील कविराय, दिवस यह मंगलदाई।
भरे रहें भंडार, तृतीया अक्षय आई।।
कुंडलिया छंद - 2
पावन अक्षय पर्व पर, करें दान भरपूर।
पितरों के आशीष से, मिटे सकल नासूर।।
मिटे सकल नासूर, पाप सब क्षय हो जाते।
भरे रहें धन धान्य, कीर्ति यश बल सब पाते।
कह सुशील कविराय, परशु जी का अभिनंदन।
अक्षय हों शुभ कर्म, तृतीया यह है पावन ।।
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
ALSO READ:
You may also like
'विराट ने खुद टेस्ट क्रिकेट नहीं छोड़ा वो खेलना चाहते थे...' विराट के रिटायरमेंट पर कैफ का चौंकाने वाला दावा
टेस्ट रिटायरमेंट के बाद क्या विराट कोहली और रोहित शर्मा ग्रेड A+ सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में बने रहेंगे?
नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में मिला लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद रैंक
XM: एक उत्कृष्ट ट्रेडिंग अनुभव के लिए प्रतिबद्धता
'गिन्नी वेड्स सनी 2' में नजर आएगी अविनाश तिवारी और मेधा शंकर की जोड़ी